इजरायल की रोबोट तकनीक से आसान होगा कोरोना वायरस का इलाज, AIIMS को मिले ये नए उपकरण
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित इस तकनीक के जरिए डॉक्टर मरीजों के संपर्क में आए बिना अच्छे से देखभाल कर सकते हैं. मरीजों की हृदय गति, सांस लेने की गति आदि पर निगरानी रखी जा सकती है.
नई दिल्ली: इजरायल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक से अब एम्स में कोरोना के मरीज का इलाज और भी आसान हो जाएगा. इजरायल ने दिल्ली के एम्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अधारित उपकरण और सॉफ्टवेयर दिए हैं. एम्स को ये तकनीक देने के लिए इजरायल के राजदूत डॉ. रॉन मलका मंगलवार को अस्पताल पहुंचे. उन्होंने एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया को सभी उपकरण उपलब्ध कराए.
डॉ रणदीप गुलेरिया ने कोरोना से जंग के लिए इजरायल से मिलने वाली मदद की सराहना की. उन्होंने कहा, 'भारत के साथ-साथ इजराइल भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अपनी तकनीक, दवाओं शेयर कर महामारी से लड़ने में सहयोग कर रहा है.' उन्होंने बाताया कि एम्स में अब तक कोरोना के 5500 मरीजों का इलाज हो चुका है. अब एम्स में कोरोना के मरीजों का इलाज और आसान हो सकेगा.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित इस तकनीक के जरिए डॉक्टर मरीजों के संपर्क में आए बिना अच्छे से देखभाल कर सकते हैं. मरीजों की हृदय गति, सांस लेने की गति आदि पर निगरानी रखी जा सकती है. असल में ये एक रोबोट की तरह काम करता है, जिसका सॉफ्टवेयर किसी भी मोबाइल में इंस्टॉल किया जा सकता है.
देश में 23 लाख लोग कोरोना संक्रमित भारत में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 60,963 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमित पाए गए लोगों की संख्या 23 लाख के पार हो गई. देश में 16,39,599 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं. वहीं 834 और लोगों की मौत हो जाने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 46,091 हो गई. सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख के पार हो गई थी.
देश में इस समय कोरोना वायरस से संक्रमित 6,43,948 लोगों यानी अब तक संक्रमित पाए गए लोगों में से 27.64 प्रतिशत लोगों का उपचार चल रहा है. आईसीएमआर के अनुसार, देश में 11 अगस्त तक कुल 2,60,15,297 नमूनों की जांच की गई, जिसमें से मंगलवार को 7,33,449 नमूनों की जांच की गई.
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