Mumbai Terror Attack: 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों की आज 15वीं बरसी है. पंद्रह साल पहले, आज ही के दिन साल 2008 में पाकिस्तान से समुद्री मार्ग से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई को दहला कर रख दिया था. इस दिन आतंकियों ने भारत को ऐसा जख्म दिया था, जिन्हें जल्दी भुलाया नहीं जा सकता. इस दिन आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की जान ले ली थी. ऐसे में मुंबई हमले की बरसी पर इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने दुख व्यक्त किया है. 


मुंबई आतंकवादी हमले की बरसी पर भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि यह एक भयानक घटना थी, जब मुंबई के लोगों को एक आतंकी हमले का सामना करना पड़ा था. राजदूत गिलोन ने कहा कि जब लोग आराम से अपने घरों अपना जीवन जी रहे थे तब आतंकी हमास की तरह ही दहशत पैदा करने के लिए आये थे. वे दहशत चाहते थे, बिल्कुल हमास की तरह. उनका उद्देश्य न केवल हत्या करना है बल्कि जीवित बचे लोगों में दहशत पैदा करना, उन्हें डराना था. 


'भारत के साथ हमेशा खड़ा रहा है इजरायल' 


इजरायली दूत ने कहा कि हम भारतीयों को बता रहे हैं कि इजरायल हमेशा से भारत के साथ खड़ा रहा है. जब आतंकवाद से लड़ना होता है तो कोई किंतु-परंतु नहीं होता है, हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं. भारत के प्रधानमंत्री का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जैसा कि पीएम मोदी ने कहा है कि आतंकवाद एक वैश्विक घटना है, आपको विश्व स्तर पर हाथ मिलाना होगा. दुनिया के देशों, स्वतंत्र लोगों को इससे लड़ने के लिए हाथ मिलाना होगा और प्रयास करना होगा. 


इजरायली नागरिक भी हुए थे शिकार 


बता दें कि मुंबई हमले में मारे गए 166 लोगों में कई इजरायली नागरिक भी शामिल थे. इस आतंकी हमले के दौरान लगभग 60 घंटों तक मुंबई के लोग सहमे रहे थे. आतंकियों ने दो फाइव स्टार होटल (होटल ताजमहल और ओबेरॉय होटल), छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) रेलवे स्टेशन, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और यहूदी केंद्र नरीमन हाउस को निशाना बनाया था. 26/11 का मुंबई हमला भारत के इतिहास में दर्ज वो काला दिन है.


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