ISRO Mars Orbiter Mission: भारत के मार्स ऑर्बिटर क्राफ्ट ने मंगल ग्रह कक्षा में आठ साल पूरे कर लिए हैं. जो इसके छह महीने के डिजाइन किए गए मिशन जीवन से साढ़े सात साल आगे है. हालांकि, लाल ग्रह पर 'मंगलयान' मिशन पर भविष्य की योजना को अभी तक पक्का नहीं किया गया है. गौरतलब है कि, इसरो के मार्स ऑर्बिटर मिशन को 24 सितंबर 2014 को अपने पहले प्रयास में सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित किया गया था.
मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) है क्या?
मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का पहला इंटरप्लेनेटरी मिशन है. इसको 5 नवंबर, 2013 को लॉन्च किया गया और 24 सितंबर, 2014 को अपने पहले ही प्रयास में सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर गया था. इसरो के तत्कालीन अध्यक्ष के रूप में राधाकृष्णन ने MOM (मंगलयान) मिशन टीम का नेतृत्व किया था.
इसरो मुख्यालय में बैठक का आयोजन
इस उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए इसरो ने मंगलवार को अपने मुख्यालय में 'भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) के आठ साल पर राष्ट्रीय बैठक' का आयोजन किया है. इसका उद्घाटन अध्यक्ष एस सोमनाथ करेंगे. अंतरिक्ष आयोग के सदस्य के राधाकृष्णन और एएस किरण कुमार बैठक में विशेष भाषण देंगे, जो 'मार्स ऑर्बिटर मिशन निरीक्षण', 'वैज्ञानिक उपलब्धियां' और 'आंतरिक सौर प्रणाली की खोज में भविष्य की दिशा' जैसें विषयों पर केंद्रित होगा.
इसरो की नजर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर
MOM-2 पर अपडेट के बारे में पूछे जाने पर इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''अब तक ये मंजूरी वाली सूची में नहीं है.'' अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हमें अनुसंधान समुदाय के साथ व्यापक परामर्श के आधार पर परियोजना भूमिका और पेलोड तैयार करने की जरूरत है. यह अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन मिशन को अंतिम रूप देने के लिए कुछ विवरण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है".
एमओएम के कार्यक्रम निदेशक एम अन्नादुरई ने मंगलवार को कक्षा में आठ साल पूरे करने वाले मंगलयान के बारे में कहा, "यह काफी संतोषजनक क्षण है."
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