Chandrayaan 3 Update: चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर पूरे देश में जश्न का माहौल है. हर कोई एक दूसरे को बधाई दे रहा है. बुधवार (23 अगस्त) की शाम चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर (Vikram Lander) ने सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुव (South Pole) पर लैंडिंग की थी. चांद के इस हिस्से पर पहुंचने वाला भारत पहला देश भी बन गया है.
इसरो चीफ एस सोमनाथ ने गुरुवार (24 अगस्त) को मिशन की लैंडिंग और आगे क्या होने वाला है, इस बारे में जानकारी दी. एस सोमनाथ ने कहा कि हर भारतीय की तरह हमें भी इस बात पर गर्व है कि इस बार हमारी सफल लैंडिंग हुई है. हम और अधिक चुनौतीपूर्ण कार्यों की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
"लैंडिंग के लिए तय जगह पर ही उतरा लैंडर"
उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 kr लैंडिंग के लिए जो जगह तय की गई थी ये उसी जगह अच्छी तरह से उतरा है. लैंडर से रोवर बाहर आ गया है और चांद की सतह पर घूम रहा है. हम कोशिश कर रहे हैं कि ये और आगे तक जाए. आज के ज्यादातर मूवमेंट रोबोटिक हैं जो रिमोटली किए जाएंगे.
इसरो ने दी ताजा अपडेट
इसरो ने भी ट्वीट कर बताया कि चंद्रयान-3 मिशन की सभी गतिविधियां निर्धारित समय पर हैं. सभी प्रणालियां सामान्य हैं. लैंडर मॉड्यूल के तीन पेलोड शुरू हो गए हैं. जबकि प्रोपल्शन मॉड्यूल पर शेप पेलोड रविवार को चालू किया गया था.
"विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर स्वस्थ हैं"
इसरो चीफ ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा कि विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं और सब कुछ बहुत अच्छे से काम कर रहा है. आगे भी गतिविधियां होती रहेंगी. चंद्रमा पर वायुमंडल की अनुपस्थिति के कारण वस्तुएं कहीं से भी टकरा सकती हैं. इसके साथ ही, थर्मल समस्या और कम्यूनिकेशन ब्लैकआउट की समस्या भी है.
इसरो के अनुसार, लैंडर और रोवर में पांच वैज्ञानिक उपक्रम (पेलोड) हैं जिन्हें लैंडर मॉड्यूल के भीतर रखा गया है. इसरो ने कहा कि चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए रोवर की तैनाती चंद्र अभियानों में नई ऊंचाइयां हासिल करेगी. लैंडर और रोवर दोनों का जीवन काल एक-एक चंद्र दिवस है जो पृथ्वी के 14 दिन के समान है.
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