ISRO Chief S Somnath: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) एक और मिशन की योजना बना रहा है. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि भारतीयों को चांद पर ले जाया जाएगा, मेगा रॉकेट सूर्य जल्द बनकर तैयार होगा.


इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने NDTV से बातीचत के दौरान भारत की अंतरिक्ष से जुड़े भविष्य के मिशनों और अगली पीढ़ी के लॉन्च व्हीकल (NGLV) के बारे में बात की. साथ ही उन्होंने चंद्रयान-4 मिशन के बारे में भी जानकारी दी.


एक और मिशन की तैयारी कर रहा भारत


इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा, ''हम NGLV या 'सूर्य' नामक एक नया रॉकेट बना रहे हैं. यह अभी डिजाइन के अधीन है और इसमें LOx (लिक्विड ऑक्सीजन) और मीथेन पर आधारित एक नया इंजन होगा. साथ ही इसमें निचले चरणों के लिए लिक्विड ऑक्सीजन और मीथेन इंजन होगा, जबकि ऊपरी हिस्से में क्रायोजेनिक इंजन होगा.''


'40 टन वजनी होगा पहला मेगा रॉकेट'


उन्होंने कहा कि भारत का मेगा-रॉकेट सूर्य मौजूदा रॉकेटों से कहीं ज्यादा बड़ा होगा. लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) पेलोड क्षमता 40 टन से ज्यादा होगी. यह मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों के लिए बहुत जरूरी है. सूर्य रॉकेट तैयार होने के बाद उनको उम्मीद है कि चांद की सतह पर भारतीय 2024 तक चले जाएंगे. 


पुष्पक की सफलता पर इसरो प्रमुख ने कही ये बात


सोमनाथ ने कहा, "पुष्पक के छोटे संस्करण का पहला चरण तीन सफल सुरक्षित लैंडिंग के साथ समाप्त हो चुका है. हम एक बड़ा संस्करण बनाने की प्रक्रिया में हैं, जो छोटे मॉडल से 1.6 गुना बड़ा होगा. इसका परीक्षण पहले लैंडिंग के साथ इसी तरह किया जाएगा और फिर इसे रॉकेट के माध्यम से कक्षा में प्रक्षेपित किया जाएगा. अब ध्यान वहीं केंद्रित हो गया है."


कब स्थापित होगा भारत का पहले अंतरिक्ष स्टेशन?


भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन के बारे में इसरो प्रमुख ने कहा, "हम अभी इसका डिजाइन तैयार कर रहे हैं. अंतरिक्ष स्टेशन का पहला चरण 2028 तक बनाया जाना है. हमने विस्तृत डिजाइन तैयार कर लिया है, जिसे एलवीएम3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3) से लॉन्च किया जा सकता है. इसलिए 2028 में हम पहला मॉड्यूल लॉन्च करके इसकी शुरुआत करेंगे."


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