Gaganyaan Mission: अब खुलेगा इंसानों के स्पेस में जाने का रास्ता, तैयार हो गई 'व्योममित्र' की खोपड़ी!
Gaganyaan Mission Vyommitra Robot: व्योममित्र रोबोट को स्पेस की सवारी करवाई जाएगी, ताकि अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स को भेजने से पहले वहां के हालात की स्टडी की जा सके.
Gaganyaan Mission: इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (इसरो) गगनयान मिशन की तैयारी कर रहा है. मिशन से पहले बिना किसी क्रू मेंबर्स के एक टेस्ट फ्लाइट होगी. इसके तहत स्पेसक्राफ्ट को बिना क्रू मेंबर्स के स्पेस में भेजा जाएगा, लेकिन इसमें एक रोबोट बैठा होगा. जिस रोबोट को टेस्ट मिशन के तौर पर अंतरिक्ष की सवारी करवाई जाएगी, उसका नाम व्योममित्र है, जो एक ह्यूमनॉइड रोबोट है. स्पेस में व्योममित्र को भेजने से पहले उसकी खोपड़ी का डिजाइन तैयार किया गया है.
दरअसल, व्योममित्र को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह स्पेस में ठीक इंसानों की तरह ही बर्ताव करे. इस अनोखे रोबोट की खोपड़ी भी डिजाइन की जा चुकी है. व्योममित्र इंसानों की तरह दिखने वाला रोबोट है. व्योममित्र का एक चेहरा, हाथ, एक धड़ और एक गर्दन भी है. इससे ये वो सब किया जाएगा, जो इंसान करते हैं. गगनयान मिशन के जरिए भारत तीन एस्ट्रोनॉट को स्पेस में भेजने वाला है, जहां वे तीन दिन तक रहेंगे और फिर उन्हें सुरक्षित धरती पर लाया जाएगा.
800 ग्राम वजन की है व्योममित्र की खोपड़ी
इसरो की तिरुवनंतपुरम यूनिट ने व्योममित्र की खोपड़ी को डिजाइन और तैयार किया है. इस खोपड़ी को इंजीनियरिंग का नायाब अजूबा कहा गया है. खोपड़ी का वजन 800 ग्राम है और इसका आकार 200 एमएमx200 एमएम है. व्योममित्र की खोपड़ी को तैयार करने के लिए सबसे ज्यादा मजबूत एल्युमिनियम का इस्तेमाल किया गया है, ताकि वह स्पेस ट्रैवल के दौरान अंतरिक्ष के दबाव के साथ-साथ स्पेसक्राफ्ट के वाइब्रेशन आदि को आसानी से झेल पाए.
व्योममित्र मिशन में बिल्कुल इंसान की तरह काम करेगा. व्योममित्र में कई तरह के सेंसर लगे हुए हैं, जो स्पेस ट्रैवल के दौरान इंसानी शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का डाटा इकट्ठा करेंगे. मिशन के दौरान व्योमित्र क्रू कंसोल से जुड़े हुए टास्क करने वाला है. इसका डिजाइन ऐसा है, जो इसे कई दिशाओं में मुड़ने में मदद करेगा. ये मिशन के दौरान बिल्कुल इंसान की तरह बर्ताव करने वाला है.
कब स्पेस में भेजा जाएगा व्योममित्र?
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस साल फरवरी में बताया था कि व्योममित्र को वर्ष की तीसरी तिमाही में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इस तरह अगले महीने व्योममित्र की लॉन्चिंग हो सकती है. उन्होंने ये भी बताया था कि 2025 में गगनयान मिशन को लॉन्च किया जाएगा, जिसके जरिए तीन अंतरिक्षयात्री पृथ्वी से 400 किमी की ऊंचाई पर अंतरिक्ष में जाएंगे. वे वहां कई तरह के रिसर्च करेंगे और फिर तीन दिन बिताने के बाद धरती पर लौटेंगे.
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