Intelligent Satellites: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ऐसे कुशल भू-समकालिक संचार उपग्रह (GSAT) तैयार कर रहा है जिन्हें उपभोक्ताओं की मांग के अनुसार फ्रीक्वेंसी (Frequency) और बैंडविड्थ (Bandwidth) बदलकर पुन: विन्यासित (Re-Confufigured) किया जा सकता है. इसरो के अध्यक्ष (ISRO Chairman) एस सोमनाथ (S Somnath) ने सोमवार को यह जानकारी दी.
भू-समकालिक (जियोसिंक्रोनस) उपग्रह दूरसंचार, टेलीविजन प्रसारण, उपग्रहों से समाचार संकलन, मौसम पूर्वानुमान, आपदा चेतावनी और तलाशी तथा बचाव अभियानों समेत विविध क्षेत्रों में भारत की संचार जरूरतों का मुख्य आधार हैं.
मांग के अनरूप किया जा सकेगा बदलाव
इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम आने वाले सालों में कुछ कुशल जियोसिंक्रोनस उपग्रह (जीसैट) विकसित करने पर विचार कर रहे हैं जिन्हें मांग के अनुरूप फिर से विन्यासित किया जा सकेगा. इस बारे में चर्चा हो रही है.’’ वह ह्यूजेज कम्युनिकेशन्स की हाई थ्रोपुट सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा की देशभर में शुरुआत के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे.
कब होगी जीसैट लॉन्चिंग टाइम?
उन्होंने कहा कि कुशल जीसैट (GSAT) स्पॉट बीम (Spot Beam) का आकार उपभोक्ताओं की मांग के अनुसार बदलने में सहायक होंगे जो उपग्रह (Satellites) द्वारा भेजे जाने वाले लक्षित और उच्च शक्ति वाले रेडियो सिग्नल (Radio Signal) होते हैं. इन बीम को प्राप्त करने वाले एंटिना के आकार में भी बदलाव में ये सहायक होंगे. सोमनाथ (Somnath) ने कहा कि इसरो आंतरिक रूप से प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करेगा, वहीं यह निजी क्षेत्र को ऐसी सेवाओं के विकास और उन्हें बाजार में लाने के लिए प्रोत्साहित करेगा. हालांकि उन्होंने इन जीसैट के लोकार्पण के लिए कोई समयसीमा नहीं बताई.
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