नई दिल्लीः भारत एक के बाद एक मिशन की सफलता के बाद जहां अंतरिक्ष के क्षेत्र में झंडे गाड़ रहा है. वहीं अब तक के सबसे महत्वपूर्ण मिशन गगनयान की तैयारियों में भी इसरो जुट गया है. एक ओर इसी साल चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग की तैयारी चल रही है, जो कि अप्रैल तक लॉन्च किया जा सकता है तो दूसरी ओर 2021 दिसंबर तक डेडलाइन रख इसरो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में जुटा है.


इसरो प्रमुख के सिवन ने शुक्रवार को कहा कि भारत का दिसंबर 2021 तक अंतरिक्ष में मनुष्य को भेजने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि हम अपने गगनयान प्रोजेक्ट की मदद से ऐसा कर पाने में सफल होंगे. अगर हम निर्धारित समय के अंदर ऐसा कर पाते हैं तो हमारा देश विश्व का चौथा ऐसा देश होगा जो अपने बल पर अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेज सकेगा. इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया कि भारत इस साल अप्रैल तक चंद्रयान-2 के भी लांचिंग की तैयारी में है. बता दें कि गगनयान प्रोजेक्ट की घोषणा पिछले साल पीएम मोदी ने की थी.


गगनयान के तहत शुरुआती ट्रेनिंग भारत में होगी जबकि इसकी एडवांस ट्रेनिंग रूस में दी जाएगी. अंतरिक्ष में जाने वाले दल में महिला भी होंगी.

गगनयान मिशन के लिए केंद्र सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मिशन को ऐतिहासिक बताया था. इसरो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए सबसे बड़े रॉकेट GSLV Mk III का इस्तेमाल करेगा. अंतरिक्ष में जाने वाले इन अंतरिक्ष यात्रियों को व्योमनॉट्स के नाम से जाना जाएगा. व्योम एक संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ अंतरिक्ष होता है.


गगनयान मिशन में मदद के लिए भारत रूस और फ्रांस से भी मदद ले रहा है. इस मिशन के तहत भारत 3 भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को 7 दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजेगा. लेकिन इस महत्वपूर्ण मिशन से पहले दो टेस्ट मिशन भी लिए जाएंगे. जिसका समय दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 का रखा गया है. इन दोनों टेस्ट मिशन में मानव नहीं होंगे बल्कि मानवरहित मिशन होगा. जिससे फाइनल मिशन को तैयारी और मजबूती से की जा सकेगी. इसरो अभी तक इस मिशन पर 173 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है.


वहीं चंद्रयान -2 मिशन पर कुल 800 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है. इस मिशन की मदद से चांद से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां जुटाने की कोशिश की जाएगी. चंद्रयान-2 इस साल मार्च और अप्रैल के बीच लॉन्च किया जाना है. इसे लेकर इसरो अपनी पूरी तैयारी कर चुकी है. बीते कुछ वर्षों में भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. अब सबकी नजर भारत के इस मानव मिशन पर टिकी हैं.


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