ISRO SSLV Launch: भारत का पहला स्मॉल सैटेलाइट व्हीकल लॉन्च, चौथे स्टेज पर सैटेलाइट से टूटा संपर्क, कोशिश में जुटा इसरो
India Achieved Another Milestone: इसरो ने रविवार को भारत का पहला स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एसएसएलवी डी-1 (SSLV D1) का सफल प्रक्षेपण किया है. EOS 02 का डेटा गुम हो गया है. इसरो संपर्क साध रहा है.
India's First Small Satellite Launch Vehicle: इसरो ने रविवार सुबह 9.18 बजे भारत के पहले स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल SSLV D1 का प्रक्षेपण किया. जैसे ही SSLV D1 अपने साथ EOS 02 और आजादी Sat लेकर अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी, भारत ने स्मॉल सैटेलाइट लॉचिंग के मामले में एक और मुकाम हासिल कर लिया है.
इस मिशन का काउंटडाउन 2.26 मिनट पर शुरू हुआ था. 10 मिनट के भीतर मिशन के दोनों सैटेलाइट EOS 02 और आजादी Sat को सेपरेट कर उनकी कक्षा में स्थापित कर लिया गया. हालांकि चौथे स्टेज के दौरान इसरो EOS 02 अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट से संपर्क नहीं साध पाया. इसरो ने कहा कि डेटा लॉस की स्टडी की जा रही है. जल्द ही उसे रेक्टिफाई किया जाएगा. हालांकि औपचारिक तौर पर इसरो ने डेटा लॉस को लेकर अधिक जानकारी नहीं दी है.
मिशन की यह है खासियत
देश का पहला स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल. इससे पहले छोटे उपग्रहों/सुन सिंक्रोनस ऑर्बिट तक के लिए पीएसएलवी पर निर्भर थे तो बड़े मिशन के लिए जीएसएलवी और जीएसएलवी मार्क 3 जियो सिंक्रोनस ऑर्बिट के लिए.
जहां पीएसएलवी को लॉन्च पैड तक लाने और असेंबल करने में दो से तीन महीनों का वक्त लगता है. जबकि एसएसएलवी महज 24 से 72 घंटों के भीतर असेंबल किया जा सकता है. साथ ही इसे इस तरह तैयार किया गया है कि इसे कभी भी कहीं से भी लांच किया जा सके. फिर चाहे वो ट्रैक के पीछे लोड कर प्रक्षेपण करना हो या फिर किसी मोबाइल लॉन्च व्हीकल पर या कोई भी तैयार किया लॉन्च पैड.
पहले से ज्यादा करेंगे प्रक्षेपण
SSLV के आते ही लांचिंग के नंबर बढ़ेंगे. हम पहले से ज्यादा उपग्रह प्रक्षेपित कर पाएंगे. जिससे व्यावसायिक बाजार में भी भारत अपनी नई पहचान बनाएगा. साथ ही रेवेन्यू के लिहाज से भी काफी फायदा होगा. इससे माइक्रो, नैनो या कोई भी 500 किलो से कम वजनी सैटेलाइट भेज पाएंगे. पहले इनके लिए भी पीएसएलवी का प्रयोग होता था. अब SSLV, PSLV के मुकाबले सस्ता भी होगा और PSLV पर मौजूदा लोड को कम करेगा.
पेलोड डिटेल्स
- SSLV: 10 किलो से 500 किलो के पेलोड को 500 किलोमीटर के प्लैनर ऑर्बिट तक
- PSLV: 1750 किलो तक का पेलोड, सन सिंक्रोनस ऑर्बिट तक
- GSLV: जियो सिंक्रोनस ऑर्बिट तक 2500 किलो वजनी पेलोड और लोअर अर्थ ऑर्बिट तक 5000 किलो तक पेलोड
- GSLV मार्क3: जियो सिंक्रोनस ऑर्बिट तक 4000 किलो वजनी पेलोड और लोअर अर्थ ऑर्बिट तक 8000 किलो तक पेलोड.
औपचारिक स्टेटमेंट का किया जा रहा इंतजार
आजादी Sat बिलकुल सही तरह काम कर रहा है. हालांकि EOS 02 को लेकर इसरो के औपचारिक स्टेटमेंट का इंतजार किया जा रहा है.