नई दिल्ली: दक्षिण एशिया संचार उपग्रह जीएसएटी-9 का आज सफल प्रक्षेपण किया गया है. इस उपग्रह का प्रक्षेपण आज शाम 4.57 बजे श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया है. यह उपग्रह इस क्षेत्र में देशों के बीच संचार में मददगार होगा.
इस भूस्थिर संचार उपग्रह को इसरो ने बनाया है. आठ दक्षेस देशों में से सात देश इस परियोजना का हिस्सा है. पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है. इसरो के जीएसएलवी-एफ09 रॉकेट से इस उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया.
235 करोड़ रपये की लागत वाले इस मिशन का जीवनकाल 12 साल का है. इस उपग्रह का उद्देश्य दक्षिण एशिया क्षेत्र के देशों के बीच सूचनाएं उपलब्ध कराना और आपदा प्रबंधन को मजबूत करना है. साथ ही इस उपग्रह से प्रत्येक देश को डीटीएच, वीसैट क्षमता और आपदा सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा.
मई 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र ने इसरो के वैज्ञानिकों से सार्क उपग्रह बनाने के लिए कहा था जो पड़ोसी देशों को भारत की ओर से उपहार के तौर पर दिया जा सकें. आज का प्रक्षेपण स्वदेशी क्रायोजनिक इंजन के साथ जीएसएलवी- एफ09 रॉकेट की लगातार चौथी उड़ान है. इससे पहले संचार उपग्रह जीएसएटी-8 का 21 मई 2011 को फ्रेंच गुएना के कोउरो से प्रक्षेपण किया गया था.