ISRO PSLV-C58 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से हाल ही में पीएसएलवी-सी58 (PSLV-C58) मिशन लॉन्च किया गया था. इस मिशन में ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म पर किए गए सभी परीक्षण रहे. जिसके बाद इसरो को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है.
इसरो की ओर से शनिवार (27 जनवरी) को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट शेयर कर इसकी जानकारी दी गई. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, "इसरो के इनोवेटिव स्पेस प्लेटफॉर्म POEM-3 को सभी पेलोड लक्ष्यों को प्राप्त करने में कामयाबी मिल गई है. अब अगले 75 दिनों के अंदर पृथ्वी के वायुमंडल में पुन: प्रवेश करने की तैयारी की जा रही है. जोकि पूरी तरह से नियंत्रित रहेगी. इस मिशन को लेकर यह भी सुनिश्चित किया गया है कि वो अपने पीछे किसी तरह का अंतरिक्ष मलबा (Space debris) नहीं छोड़ेगा."
एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट कक्षा में सटीक रूप से स्थापित
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएसएलवी-सी58 रॉकेट की सहायता से एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) को 6 डिग्री के झुकाव के साथ 650 किलोमीटर की इच्छित कक्षा में सटीक रूप से स्थापित करने के बाद इसरो ने लॉन्च वाहन के चौथे चरण के खर्च को भी कम कर दिया है. इसका इस्तेमाल ऑनबोर्ड परीक्षणों के लिए एक प्लेटफॉर्म के तौर पर किया गया था.
भविष्य के मिशनों पर तेजी से काम करने की योजना
अंतरिक्ष एजेंसी ने सभी पेलोड लक्ष्यों के सफलतापूर्वक समाप्त होने की पुष्टि भी की है. इसमें यह भी साफ किया गया कि अब एजेंसी अपने सभी लक्ष्यों को हासिल करने के बाद पीओईएम-3 के साथ भविष्य के मिशनों पर तेजी से काम करेगी. इनका डाटा तैयार करने के लिए ज्यादा परीक्षणों की योजना बनाई गई है.
'मैग्नेटोमीटर बूम' आदित्य-एल1 उपग्रह पर सफलतापूर्वक तैनात
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार (26 जनवरी) को यह भी बताया था कि अंतरिक्ष में कम तीव्रता वाले अंतरग्रहीय चुंबकीय क्षेत्र को मापने के लिए तैयार किये गये 'मैग्नेटोमीटर बूम' को आदित्य-एल1 उपग्रह पर सफलतापूर्वक तैनात कर दिया है. अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया था कि छह मीटर लंबे 'मैग्नेटोमीटर बूम' को 11 जनवरी को 'एल1' (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर 'हालो' कक्षा में तैनात किया गया था. यह 'आदित्य-एल1' के प्रक्षेपण के बाद से 132 दिन तक संग्रहीत स्थिति में था.
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