XPoSat Mission: दुनिया के सामने ब्लैक होल का रहस्य खोलेगा ISRO का XPoSat, इसरो चीफ ने बताया 2024 का पूरा प्लान
ISRO News: PSLV-C58 XPoSat मिशन का मकसद अलग-अलग एस्ट्रोनॉमिकल सोर्सेज जैसे ब्लैकहोल, न्यूट्रॉन स्टार्स, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियाई, पल्सर विंड नेबुला आदि से निकलने वाली रेडिएशन की स्टडी करना है.
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ISRO Launch XPoSat Mission: एक तरफ जहां सोमवार (1 जनवरी) को देश के लोग पूजा-अर्चना के साथ साल 2024 के पहले दिन की शुरुआत कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में भी लोग दुआ मांग रहे थे. हालांकि ये दुआ नए साल के लिए नहीं बल्कि इसरो की ओर से लिखी जा रही नई इबारत के लिए थी, जो उसने 1 जनवरी को एक्स-रे पोलेरिमीटर सैटेलाइट' (एक्सपोसैट) मिशन के प्रक्षेपण के साथ पूरी की है.
श्रीहरिकोटा से एक्सपीओसैट मिशन के प्रक्षेपण के बाद इसरो के चीफ एस. सोमनाथ ने इसकी लॉन्चिंग टीम के सदस्यों को संबोधित किया. उन्होंने मिशन के प्रक्षेपण की सराहना करते हुए कहा कि नए साल की शुरुआत पीएसएलवी के एक रोमांचक और सफल मिशन के साथ हुई है और यह एक सफल मिशन होगा.
इसरो ने इस खास बात का रखा ध्यान
सोमनाथ ने कहा, “PSLV-C58 XPoSat के लॉन्च के साथ नए साल की शुरुआत हो गई है और हमारे पास आगे एक रोमांचक समय होगा. PSLV-C58 ने प्राइमरी सैटेलाइट - XPoSat को 6-डिग्री झुकाव के साथ 650 किमी के उसी ऑर्बिट में स्थापित किया है जहां करने का टारगेट था. उन्होंने कहा, "इस बिंदु से पीएसएलवी के चौथे चरण का ऑर्बिट निचले ऑर्बिट में सिमट जाएगा. रॉकेट की चौथी स्टेज को एक्सपेरिमेंट के लिए 650 Km ऊपर रखा जा सकता था, लेकिन इससे स्पेस में डेब्री (कचरा) क्रिएट होती. इसी कारण हम चौथे स्टेज को 350 Km की ऑर्बिट में लेकर आए, ताकि यह एक्सपेरिमेंट के बाद नष्ट हो जाए.
100 ऐसे वैज्ञानिक तैयार करने का लक्ष्य जो करेंगे इस पर स्टडी
सोमनाथ ने कहा, "यह एक अनूठा मिशन है क्योंकि एक्स-रे पोलारिमेट्री में अद्वितीय वैज्ञानिक क्षमता है. इसे हमने आंतरिक रूप से विकसित किया है. हम ऐसे 100 वैज्ञानिक तैयार करना चाहते हैं जो इस पहलू को समझ सकें और फिर दुनिया को ब्लैक होल के बारे में जानकारी देने में योगदान दे सकें."
अब बाकी मिशन को टारगेट तक ले जाने पर फोकस
उन्होंने यह भी कहा कि रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने सैटेलाइट का प्राथमिक पेलोड बनाया था, और दूसरा पेलोड यूआरएससी (यूआर राव सैटेलाइट सेंटर) के एस्ट्रोनॉमी ग्रुप की ओर से बनाया गया था. उन्होंने ये भी बताया कि अंतरिक्ष मिशन विकसित करने के लिए अलग-अलग संस्थान इसरो के साथ कैसे सहयोग करते हैं. इसरो प्रमुख ने कहा कि हमारे पास आने वाले समय के लिए बकेट लिस्ट में न्यूनतम 12 मिशन हैं. केवल 12 महीनों (2024 में) में हमें अपने इन सभी मिशन को लक्ष्य पर रखने होंगे.
क्या है XPoSat मिशन का मकसद?
बता दें कि इसरो ने सोमवार को PSLV-C58 XPoSat मिशन लॉन्च किया है. XPoSat का मकसद अलग-अलग एस्ट्रोनॉमिकल सोर्सेज जैसे ब्लैकहोल, न्यूट्रॉन स्टार्स, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लियाई, पल्सर विंड नेबुला आदि से निकलने वाली रेडिएशन की स्टडी करना है.
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