ISRO Report: भारत के इन जिलों में सबसे ज्यादा भूस्खलन का खतरा, उत्तराखंड के 2 जिले टॉप पर, 147 जिलों में हुआ सर्वे
India Most Landslide Districts: इसरो के NRSC के वैज्ञानिकों ने भारत के 17 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में 147 सबसे अधिक लैंडस्लाइड वाले जिलों की लिस्ट जारी की है.
ISRO Reveals India Most Landslide Districts: भूकंप, अत्यधिक वर्षा, पेड़ों का काटना आदि इन सारी चीजों की वजह से प्राकृतिक आपदा आती है. यह प्राकृतिक आपदाओं के लिए तीसरा सबसे ज्यादा जिम्मेदार फैक्टर है. ये सारी चीजें दुनिया भर में पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं. भारत सबसे ज्यादा लैंडस्लाइड होने वाले चार प्रमुख देशों में शुमार है, जहां देश का लगभग 12% (0.42 मिलियन वर्ग किलोमीटर) क्षेत्र इस आपदा से प्रभावित है.
इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) के वैज्ञानिकों ने नया रिस्क असेसमेंट किया है. इसमें बर्फ से ढके क्षेत्रों को छोड़कर, पूरे भारत के 17 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों का आकलन किया गया. सेंटर ने इसमें 147 सबसे अधिक लैंडस्लाइड वाले जिलों की लिस्ट जारी की है. इन हॉटस्पॉट्स में, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल जिलों को भारत भर में उनके हाईएस्ट लैंडस्लाइड डेंसिटी और लैंडस्लाइड रिस्क की वजह से पहले और दूसरे स्थान पर रखा गया है.
उत्तराखंड में 11,000 से अधिक हुए हैं लैंडस्लाइड
इसके अलावा, केरल के त्रिशूर, कोझिकोड, पलक्कड़ और मलप्पुरम, जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुलवामा, और सिक्किम के पूर्व और दक्षिण क्षेत्र टॉप दस ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्रों में शामिल हैं. उत्तराखंड का चमोली जिला, जहां भू-धंसाव ने जोशीमठ में हजारों लोगों को उजाड़ दिया है, को इस लिस्ट में 19वें स्थान पर रखा गया है.
जानकारी के मुताबिक पिछले दो दशकों में उत्तराखंड में 11,000 से अधिक लैंडस्लाइड हुए हैं. इसके सभी 13 जिलों में लैंडस्लाइड हुआ है. पिछले 20 वर्षों में उत्तर पश्चिमी और पूर्वोत्तर हिमालय में 66.5% और 18.8% लैंडस्लाइड दर्ज किए गए हैं. ये निष्कर्ष भारत के लैंडस्लाइड एटलस पर आधारित हैं, जहां पहली बार एनआरएससी ने पिछले दो दशकों (1998-2022 के बीच) में हुए लगभग 80,000 लैंडस्लाइड का एक अखिल भारतीय डेटाबेस बनाया है.
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