लॉन्चिंग के पहले अचानक क्यों टला ISRO का PROBA-3 मिशन, सामने आई ये वजह
ISRO PROBA - 3: इसरो इसके पहले भी PROBA मिशन को लॉन्च कर चुका है, जिसमें से पहले साल 2001 में प्रोबा - 1 लॉन्च किया गया था तो वहीं दूसरा साल 2009 में प्रोबा - 2 के नाम से लॉन्च किया गया.
ISRO PROBA - 3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से आज आज लॉन्च होने वाला यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) का PSLV-C59 रॉकेट/ROBA-3 मिशन तकनीकी खराबी के कारण स्थगित कर दिया गया है. इस मिशन को अब कल यानी की 5 दिसंबर के लिए शेड्यूल किया गया है. अब यह कल शाम 4:12 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा.
इसरो को की ओर से लॉन्च किया जा रहा ये यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) का PROBA-3 मिशन है. ये मिशन सूर्य के कोरोना और उसकी सबसे गर्म लेयर की स्टडी करेगा. कोरोना सूर्य के बाहरी एटमॉस्फियर को कहते हैं. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के इस मिशन में ईसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) भी काम कर रही है.
मिशन में क्या है खास
खास बात ये है कि इसरो इसके पहले भी PROBA मिशन को लॉन्च कर चुका है, जिसमें से पहले साल 2001 में प्रोबा - 1 लॉन्च किया गया था तो वहीं दूसरा साल 2009 में प्रोबा - 2 के नाम से लॉन्च किया गया. इसरो के दोनों ही मिशंस में सफतला मिली थी. वहीं अब प्रोबा - 3 मिशन की बात की जाए तो इसे दो मेन स्पेसक्रॉफ्ट से लॉन्च किया जाएगा. पहला ऑकुल्टर (Occulter) है, जिसका वजन करीब 200 किलो है. वहीं दूसरा स्पेसक्राफ्ट कोरोनाग्राफ (Coronagraph) है और इसका वजन 340 किलो का है. इस मिशन के लॉन्च के बाद ये दोनों सैटेलाइट- ऑकुल्टर और कोरोनाग्राफ एक दूसरे से अलग हो जाएंगे और बाद में इनको एक साथ इनकी पोजीशन पर लाया जाएगा.
प्रोबा-3 मिशन क्या है?
प्रोबा-3 मिशन यूरोपियन देशों - स्पेन, पोलैंड, बेल्जियम, इटली और स्विट्जरलैंड का एक पार्टनरशिप प्रोजेक्ट है. मिशन की टोटर लागत 200 मिलियन यूरो बताई जा रही है. खास बात ये है कि ये मिशन दो सालों तक चलने वाला है और इससे पहली बार स्पेस में 'प्रिसिजन फॉर्मेशन फ्लाइंग' को भी टेस्ट किया जाने वाला है, जिसमें एक साथ दो सैटेलाइट को उड़ाया जाता है और वह एक ही कॉन्फिगरेशन को मेंटेन करते हैं.
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