भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी सात नवंबर को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C49) को लॉन्च करने की तैयारी में है. इसके साथ ही भारत इस यान के जरिए देश के रडार इमेजिंग उपग्रह (सैटेलाइट) और नौ अन्य विदेशी उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में लॉन्च करने जा रही है. ऐसा होने पर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी कुल 328 विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में ले जाने वाली एजेंसी बन जाएगी.


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि 'श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट से 7 नवंबर को 10 उपग्रहों वाले रॉकेट को 3.02 बजे लॉन्च किया जा सकता है. वहीं लॉन्च पैड से पहले रॉकेट लॉन्च के लिए 26 घंटे की उलटी गिनती शुक्रवार दोपहर से शुरू होगी.'



बता दें कि PSLV-C49 की लॉन्चिंग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का इस साल का पहला मिशन है. इस लॉन्च के जरिए भारत अपने रडार इमेजिंग उपग्रह के साथ 9 विदेशी उपग्रहों को भी ले जा रहा है. इसमें लिथुआनिया (1-प्रौद्योगिकी डेमन्स्ट्रेटर), लक्समबर्ग (क्लेओस स्पेस के 4 मैरीटाइम एप्लीकेशन सैटेलाइट) और यूएस (4-लेमुर मल्टी मिशन रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट) शामिल हैं. अगर ISRO इन 9 विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में पहुंचाने में सफल रहता है तो भारत 328 विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में ले जाने का कीर्तिमान बना लेगा.


भारत ने सबसे पहले साल 1999 में विदेशी सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजना शुरू किया था. जिसके बाद से लेतकर अभी तक भारत ने दो दशकों में 319 विदेशी उपग्रहों को लॉन्च किया है, जिनमें एक चीनी उपग्रह भी शामिल है. वहीं भारत सरकार के अनुसार, इसरो ने 26 देशों के उपग्रहों को लॉन्च करने के दौरान पिछले पांच वर्षों में 1,245.17 करोड़ रुपये कमाए हैं. वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 2017-18 में लॉन्च आय 232.56 करोड़ रुपये से 324.19 करोड़ रुपये कमाए थे.


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