(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
GSLV-F10 EOS-03 Launch: कल अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है इसरो, काउंटडाउन जारी
GSLV-F10 EOS-03 Launch: इसरो के इस अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट के लॉन्च की उलटी गिनती बुधवार सुबह 03.43 को शुरू हो हुई. इस सैटेलाइट के जरिए दुश्मन की जमीन पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी.
GSLV-F10 EOS-03 Launch: इसरो गुरुवार को सुबह 5.43 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से जीएसएलवी मार्क 2F-10 के जरिए अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है. जीएसएलवी यानी जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS -03) को अंतरिक्ष के जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित करेगा. जिसके बाद ऑनबोर्ड सिस्टम की सहायता से यह सैटेलाइट जियोस्टेशनरी ऑर्बिट तक पहुंचेगा. इस लॉन्च के लिए उल्टी गिनती बुधवार सुबह 03.43 को शुरू हुई.
दरअसल इस सैटेलाइट का नाम GiSAT-1 है. लेकिन इसका कोड नेम EOS-03 दिया गया है. GiSat-1 का लॉन्च पिछले साल से टलता आ रहा है. इस साल भी 28 मार्च को इसका लॉन्च तय हुआ था. लेकिन टेक्निकल गड़बड़ी की वजह से लॉन्च टाला गया. इसके बाद अप्रैल और मई में भी लॉन्च डेट्स तय हुई थीं. उस समय कोविड-19 संबंधित प्रतिबंधों की वजह से लॉन्चिंग नहीं हो सकी. GiSat-1 को स्पाई सैटेलाइट या आई इन द स्काई कहा जा सकता है.
इसके जरिए भारत दुश्मन की जमीन पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रख सकेगा. खास कर चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर भी नजर रखने में यह सैटेलाइट मिलिट्री इंटेलिजेंस के लिए काफी कारगर साबित होगा. यहीं कारण है कि इसे स्पाई सैटेलाइट या आई इन द स्काई कहा जा रहा है. सेना की मदद के अलावा यह सैटेलाइट कृषि, जंगल, मिनरेलॉजी, आपदा से पहले सूचना देना, क्लाउड प्रॉपर्टीज, बर्फ, ग्लेशियर समेत समुद्र की निगरानी करना या किसी भी तरह के फॉरेस्ट के लिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग करेगा.
इसरो का यह उपग्रह 4-5 तस्वीरें एक साथ लेने में सक्षम है. पूरा मिशन प्रक्षेपण के 18 मिनट 39 सेकंड में पूरा होगा. सैटेलाइट 10 साल तक देश को अपनी सेवा देगा. यह उपग्रह सिर्फ दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी इन्फ्रारेड तस्वीरें ले सकेगा. दुश्मन की हर गतिविधि पर दिन हो या रात या हो कोई भी मौसम पूरी तरह नजर रखी जायेगी. दुश्मन की कोई भी चाल हमारे इस स्पाई इन द स्काई से बच नहीं पाएगी. इस सैटेलाइट में तीन कैमरे लगे हैं. पहला मल्टी स्पेक्ट्रल विजिबल एंड नीयर-इंफ्रारेड (6 बैंड्स), दूसरा हाइपर-स्पेक्ट्रल विजिबल एंड नीयर-इंफ्रारेड (158 बैंड्स) और तीसरा हाइपर-स्पेक्ट्रल शॉर्ट वेव-इंफ्रारेड (256 बैंड्स). 2268 किलोग्राम वजनी EOS-3 सैटेलाइट अब तक का भारत का सबसे भारी अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट होगा.
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