ISRO SSLV Launch Date: सात अगस्त को लॉन्च होगा देश का सबसे छोटा प्रक्षेपण यान-एसएसएलवी, जानें इसकी खूबियां
ISRO SSLV Launch Date Confirm: सात अगस्त, रविवार का दिन खास होनेवाला है. इस दिन इसरो देश का सबसे छोटे रॉकेट SSLV को श्रीहरिकोटा से लॉन्च करेगा. यह नई तकनीक से लैस है.
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ISRO SSLV Launch Date : स्पेस सेक्टर में बढ़ रहे कंपटीशन और कॉमर्शियल लॉन्चेज में पहले ही अपना लोहा मनवा चुका इसरो (ISRO) रविवार यानी 7 अगस्त को अपने सबसे छोटे लॉन्च व्हीकल एसएसएलवी (Small Satellite Launch Vehicle, SSLV) का प्रक्षेपण करेगा. एसएसएलवी के जरिए इसरो EOS - 02 मिशन का प्रक्षेपण किया जाएगा. यह सैटेलाइट नई तकनीक से लैस है. जो कि फॉरेस्ट्री, एग्रीकल्चर, जियोलॉजी और हाइड्रोलॉजी जैसे क्षेत्र में काम करेगा.
जानिए क्या हैं एसएसएलवी की खूबियां
ये लॉन्च व्हीकल, पीएसएलवी (PSLV) से छोटा तो है ही, साथ ही इसे डिजाइन भी इस तरह किया गया है कि भविष्य में बढ़ते स्माल सैटेलाइट मार्केट (Sattelite Market)और लॉन्चस को देखते हुए, यह कारगर साबित होगा. जिसमें हमारे अपने और विदेशी सैटेलाइट का प्रक्षेपण होगा. इससे का पावरफुल पीएसएलवी )छोटे सेटेलाइट्स (Smallest Sattelite) के लोड से मुक्त हो जायेगा. क्योंकि वह सारा काम अब एसएसएलवी (SSLV) करेगा. ऐसे में पीएसएलवी को बड़े मिशन के लिए तैयार किया जाएगा. यह SSLV छोटे सैटेलाइट को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने में सक्षम होगा. यह मिशन रविवार को सुबह 9:18 बजे श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा.
इसरो चीफ एस सोमनाथ का ब्रेन चाइल्ड है SSLV
आपको बतादें कि एसएसएलवी इसरो के चीफ एस सोमनाथ का ब्रेन चाइल्ड है. एसएसएलवी अपने साथ 500 किलोग्राम वजनी पेलोड ले जाने में सक्षम है, जो कि 500 किलोमीटर की ऊंचाई की कक्षा में सैटेलाइट स्थापित करेगा. जबकि इसके कंपैरिजन में पीएसएलवी 1750 वजनी पेलोड को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट यानी 600 किलोमीटर ऊपर कक्षा में स्थापित कर सकता है.
SSLV तीन स्टेज का रॉकेट है
इसमें कोई दो राय नहीं कि इस वक्त कॉमर्शियल मार्केट में भी माइक्रो, नैनो और छोटे सैटेलाइट को प्रक्षेपण करने की मांग ज्यादा है ऐसे में यह इन लॉन्च के लिए SSLV बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. 110 किलो वजनी SSLV तीन स्टेज का रॉकेट है जिसके सभी हिस्से सॉलिड स्टेज के हैं, उसे महज 72 घंटों में असेंबल किया जा सकता है. जबकि बाकी लॉन्च व्हीकल को करीब दो महीने लग जाते हैं. बढ़ते छोटे उपग्रह प्रक्षेपण बाजार को देखते हुए, आने वाले दिनों में SSLV को एक बेहतर प्लेयर स्पेस सेक्टर में बनाया जा सकता है.
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