ISRO ने गाड़े सफलता के झंडे, 2023 में चंद्रयान-3 समेत मिलीं ये सफलताएं, लेकिन इस बात की है चिंता
ISRO Report: साल 2023 इसरो के लिए ऐतिहासिक रहा है. इस साल इसरो ने सफलता के नया कीर्तिमान स्थापित किए. इसरो ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है.
ISRO Report: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने साल 2023 के लिए भारतीय अंतरिक्ष स्थिति आकलन रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में अंतरिक्ष ऑब्जेक्ट के विकास से संबंधित जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि इस साल इसरो के सात मिशनों की सफल लॉन्चिंग हुई है, जिसमें पांच भारतीय उपग्रह, 46 विदेशी उपग्रहों और आठ रॉकेट पिंडों को कक्षा में स्थापित किया गया है.
इसरो ने रिपोर्ट में बताया कि देश को अन्य अंतरिक्ष वस्तुओं के करीब आने के कारण अपने परिचालन उपग्रहों के लिए रिकॉर्ड संख्या में टकराव से बचाव का युद्धाभ्यास भी करना पड़ा है. रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 के अंत तक 21 भारतीय उपग्रहों ने पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश किया, जिनमें से आठ उपग्रह अकेले साल 2023 में पुनः प्रवेश कर चुके हैं.
इसरो ने जारी की रिपोर्ट
इसरो की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अंतरिक्ष युग की शुरुआत के बाद से 31 दिसंबर 2023 तक निजी ऑपरेटरों/शैक्षणिक संस्थानों सहित कुल 127 भारतीय उपग्रह लॉन्च किए गए हैं. 31 दिसंबर 2023 तक सरकार के स्वामित्व वाले उपग्रहों की संख्या में तेजी आई है. भारत के LEO (लो अर्थ ऑर्बिट) में 22वां और GEO (जियो-सिंक्रोनस अर्थ ऑर्बिट) में 29वां स्थान है. इसके अलावा 2023 के अंत तक तीन भारतीय अंतरिक्ष मिशन भी सक्रिय थे, इनमें चंद्रयान-2 ऑर्बिटर, आदित्य-एल 1, और चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल शामिल है.
अंतरिक्ष में बढ़ रहा कचरा
इसके अलावा इसरो ने बताया कि अंतरिक्ष में कचरा भी बढ़ता जा रहा है, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के बढ़ते विविध अनुप्रयोगों का संकेत है. इसरो ने कहा कि किसी भी महत्वपूर्ण करीबी दृष्टिकोण के मामले में अंतरिक्ष यान की सुरक्षा के लिए टकराव से बचाव युद्धाभ्यास भी किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि इसरो को यूनाइटेड स्टेट्स स्पेस कमांड से 1.3 लाख से अधिक क्लोज अप्रोच अलर्ट प्राप्त हुए हैं.