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इसरो ने कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-6A को सफलतापूर्वक किया लॉन्च
धुएं का गुबार पीछे छोड़ते हुए 49.1 मीटर लंबा जीएसएलवी 2140 किलोग्राम वजन वाले कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-6A को लेकर अंतरिक्ष में रवाना हुआ.
श्रीहरिकोटा: भारत के नवीनतम कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीएससैट-6 ए का आज यहां अंतरिक्ष केंद्र से जियोसिन्क्रोनस रॉकेट जीएसएनवी-एफ08 के जरिए लॉन्च किया गया और निर्धारित ऑरबिट में इसे सफलतापूर्वक स्थापित किया गया. इसके साथ ही इसरो के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई.
पीेएम मोदी ने ट्वीट कर इसरो की टीम को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ''GSAT-6A, संचार उपग्रह, मोबाइल एप्लीकेशन्स को नई संभावनाएं देगा. देश को नई ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए इसरो पर गर्व है.''
जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च यान (जीएसएलवी-एफ08) ने यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरने के तकरीबन 18 मिनट बाद सैटेलाइट को ऑरबिट में प्रविष्ट कराया. इस लॉन्च यान में तीसरे चरण का स्वदेश विकसित क्रायोजेनिक इंजन लगा था. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि यह उपग्रह मल्टी बीम कवरेज सुविधा के जरिये मोबाइल संचार में मदद प्रदान करेगा. इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने मिशन को सफल बताया और इस कार्य में लगे वैज्ञानिकों को बधाई दी. सिवन ने बताया कि संचार उपग्रह को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया. यह जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च यान (जीएसएलवी- एफ08) की 12वीं उड़ान थी और स्वदेशी क्रायोजेनिक अपर स्टेज के साथ छठी उड़ान थी. इसरो ने बताया कि जीसैट-6 ए, जीसैट-6 की ही तरह है. यह उच्च क्षमता वाला एस- बैंड संचार उपग्रह है. इस मिशन मेंI-2K उपग्रह बस का इस्तेमाल किया गया. इस मिशन की मियाद तकरीबन 10 साल है.
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अशोक वानखेड़ेवरिष्ठ पत्रकार
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