(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ISRO ने हाइपरसोनिक व्हीकल का सफलतापूर्वक टेस्ट किया पूरा, जानें क्या है इसकी खासियत
Hypersonic Vehicle Trials: रफ़्तार के मामले में हाइपरसोनिक व्हीकल सबसे तेज व्हीकल में गिनें जाएंगी. इसकी रफ्तार ध्वनि की स्पीड से पांच गुना तेज होगी. पालक झपकते ही ये आसमान में पहुच जायेगा.
Hypersonic vehicle: भारत की ताकत अब और भी मजबूत हो गई है, क्योंकि अब जल्द ही देश के सुरक्षा बेड़े में हाइपरसोनिक वाहन शामिल होंगे. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एकीकृत रक्षा स्टाफ ने शुक्रवार को इसका परीक्षण किया है. परीक्षण में वाहन सभी जरुरी मानकों पर खरा उतरा है. इस परीक्षण के बाद भारत के रक्षा क्षेत्र को और अधिक मजबूती मिलेगी.
इसरो के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा गया है कि इसरो और एकीकृत रक्षा स्टाफ ने संयुक्त रूप से हाइपरसोनिक वाहन परीक्षण किया है. परीक्षण ने सभी आवश्यक पैरामीटर हासिल किए और हाइपरसोनिक वाहन की क्षमता का प्रदर्शन किया.
@ISRO and JSIIC @HQ_IDS have jointly conducted Hypersonic vehicle trials.
— ISRO (@isro) December 9, 2022
The trials achieved all required parameters and demonstrated Hypersonic vehicle capability.@adgpi@IAF_MCC@indiannavyMedia
ध्वनि की गति से पांच गुना तेज भरता है उड़ान
रफ्तार के मामले में हाइपरसोनिक वाहन सबसे तेज वाहनों में गिने जाएंगे. इसकी रफ्तार ध्वनि की स्पीड से पांच गुना तेज होगी. पलक झपकते ही ये आसमान में पहुंच जायेगा. बता दें हाइपरसोनिक वाहन एक हवाई जहाज, मिसाइल या अंतरिक्ष यान हो सकता है. हाइपरसोनिक तकनीक को नवीनतम अत्याधुनिक तकनीक माना जाता है.
भारत पिछले कुछ वर्षों से हाइपरसोनिक तकनीक पर काम कर रहा
भारत पिछले कुछ वर्षों से हाइपरसोनिक तकनीक पर काम कर रहा है. अमेरिकी कांग्रेस में पेश एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत रूस के साथ मिलकर हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में लगा हुआ है. इस साल रूस ने कथित तौर पर यूक्रेन युद्ध में अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल किंजल का इस्तेमाल किया था. भारत अपनी हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल प्रोग्राम के हिस्से के रूप में एक स्वदेशी, दोहरी-सक्षम हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी विकसित कर रहा है. यह मिसाइल पारंपरिक हथियारों के साथ-साथ परमाणु हथियारों को भी दागने में सक्षम होगी.
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