इतिहास रचने को तैयार ISRO, आज करेगा 27 मिनट में 14 उपग्रहों का प्रक्षेपण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने पीएसएलवी-एक्सएल वेरिएंट के साथ 14 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा. इसमें मुख्यत: भारत का 1,625 किलोग्राम का काटोर्सैट -3 उपग्रह होगा, वहीं अमेरिका के 13 नैनो उपग्रह भी इसमें भेजे जाएंगे.
नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से 27 नवंबर की सुबह 9.28 बजे भारत के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) रॉकेट से 14 उपग्रहों को सिर्फ 27 मिनट में अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने पीएसएलवी-एक्सएल वेरिएंट के साथ 14 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा. इसमें मुख्यत: भारत का 1,625 किलोग्राम का काटोर्सैट -3 उपग्रह होगा, वहीं अमेरिका के 13 नैनो उपग्रह भी इसमें भेजे जाएंगे. अमेरिका इस साझा सवारी के लिए इसरो की नई वाणिज्यिक शाखा- न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड को भुगतान करेगा.
पांच सालों तक कार्य करने वाले काटोर्सैट-3 उपग्रह को पीएसएलवी रॉकेट सबसे पहले सिर्फ 17 मिनट में कक्षा में स्थापित करेगा. इसरो के अनुसार, काटोर्सैट-3 एक तीसरी पीढ़ी का उन्नत उपग्रह है. यह हाई रिजोल्यूशन इमेजिंग की क्षमता रखता है. उपग्रह शहरी नियोजन, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय भूमि उपयोग और अन्य की मांगों की पूर्ति के लिए तस्वीरें ले सकेगा.
भारतीय उपग्रह को स्थापित करने के एक मिनट बाद यह 13 अमेरिकी नैनो उपग्रह में से पहले को इसकी कक्षा में स्थापित करेगा. पीएसएलवी रॉकेट के टेकऑफ करने के 26 मिनट और 50 सेकेंड बाद यह अंतिम उपग्रह को उसकी कक्षा में स्थापित करेगा. इसरो के अनुसार, अमेरिकी नै उपग्रहों में से 12 को फ्लॉक-4पी के रूप में नामित किया गया है. यह सभी अर्थ ऑब्जवेर्शन सैटेलाइट है. वहीं 13वां उपग्रह एक कम्युनिकेशन टेस्ट बेड सैटेलाइट है, जिसका नाम मेशबेड है.
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