अमेरिका से भी आगे निकलेगा भारत, कार्टो सैट-3 लॉन्च के लिए तैयार, जानें इसकी खूबियां
अंतरिक्ष में अमेरिका की सैटेलाइट के पास भी वो कैमरा नहीं है जो भारत ने कार्टो सैट-3 में लगाया है. अब तक हमारे पास आतंकियों की घुसपैठ होने के बाद तस्वीरें आती थीं लेकिन अब लाइव तस्वीरें बताएंगी कि सीमा के किस कोने पर आतंकी हिंदुस्तान में घुसने की कोशिश कर रहे हैं.
नई दिल्ली: अंतरिक्ष में भारत की वो आंख स्थापित होने जा रही है, जिसकी नजर से देश के दुश्मन बच नहीं पाएंगे. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो 25 नवंबर की सुबह कार्टो सैट 3 लॉन्च करने जा रहा है. इस सैटेलाइट में दुनिया का सबसे ताकतवर कैमरा लगा है. यानि दुश्मन के ठिकानों से लेकर उनके मोबाइल में टाइप किए गए मैसेज का तक ब्योरा दिल्ली के पास मौजूद होगा. कार्टो सैट-3 मुख्य रूप देश की रक्षा के लिए सेना की मदद करेगा.
धरती से 450 किलोमीटर ऊपर स्थापित किया जाएगा कार्टोसैट-3
1500 किलो वजन वाला कार्टोसैट-3 धरती से 450 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इसरो के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब श्रीहरिकोटा से इस साल हुए सभी सैटेलाइट सैन्य उद्देश्यों के लिए लॉन्च हुए हैं. भारत में कार्टो सैट-3 की लॉन्चिंग के बाद हमारा उपग्रह लाइव तस्वीरें ले पाएगा यानि वो बता पाएगा कि दुनिया के कौन से कोने में इस वक्त क्या हो रहा है.
कार्टो सैट 3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के साथ भारत जिओ स्पेशल इंटेलीजेंस के मामले में दुनिया में शायद सबसे आगे होगा. जिओ स्पेशल इंटेलीजेंस यानि वो तकनीक जिसमें खुफिया जानकारी सैटेलाइट के माध्यम से मिलती है. वो तकनीक जो जमीन पर मौजूद दुश्मन की मूवमेंट के बारे में बताती है.
कार्टो सैट-3 की खूबियां
- कार्टोसैट-3 इस सीरीज का नौवां सैटेलाइट है और ये कार्टोसैट-2 से बेहद एडवांस है.
- कार्टो सैट-3 में दुनिया का सबसे ताकतवर कैमरा लगा है.
- कार्टो सैट-3 में लगा कैमरा जमीन से एक फीट से भी कम ऊंचाई यानि 9.84 इंच से तस्वीर ले सकेगा.
- कार्टोसैट सैटेलाइट के कैमरे इतने पैने हैं कि दुश्मन के हाथ पर बंधी कलाई में क्या समय हो रहा है ये भी बता देगा.
- कार्टो सैट-3 सीमा पर घुसपैठ करने वाले आतंकियों को दबोचने में मारक साबित होगा.
- कार्टोसैट-3 प्राकृतिक आपदा में मदद करेगा. इससे राहत कार्यों के लिए सटीक जानकारी मिलेगी. ये फंसे हुए लोगों की सटीक लोकेशन देगा.
देश को सुरक्षित करेगा कार्टोसैट-3
उरी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी. बालाकोट एयरस्ट्राइक में भी आतंकी ठिकानों का पता बताने में इसरो के कार्टो सैट सीरीज के उपग्रहों ने अहम जानकारियां दी थी. कल्पना कीजिए जब कार्टो सैट टू की सटीक जानकारियां पाकिस्तान के आतंकी अड्डों को ध्वस्त कर रही हैं तो कार्टो सैट -3 आतंक के खिलाफ कैसा तहलका मचाएगा. आज के समय में किसी देश के पास जितनी ज्यादा स्पाई सैटेलाइट्स होंगी वो देश उतना सुरक्षित होगा.
#ISRO #PSLV-C47 set to launch #Cartosat3 and 13 Nanosatellites of USA from Satish Dhawan Space Centre in Sriharikota at 0928 Hrs IST on Nov 25, 2019, subject to weather conditions. Updates will continue. pic.twitter.com/RbtjHLlEfZ
— ISRO (@isro) November 19, 2019
अमेरिका के पास 150 से ज्यादा स्पाई सैटेलाइट्स
एक रिपोर्ट के मुताबिक अकेले अमेरिका के पास 150 से ज्यादा स्पाई सैटेलाइट्स है. अमेरिकी सैटेलाइट्स के बारे में कहा जाता है कि जमीन पर खड़ी गाड़ी के नंबर प्लेट को पढ़ सकती है. अमेरिका की सैटेलाइट का कैमरा 16.14 इंच तक की ही तस्वीर ले सकता है. अंतरिक्ष में अमेरिका की सैटेलाइट के पास भी वो कैमरा नहीं है जो भारत ने कार्टो सैट-3 में लगाया है. अब तक हमारे पास आतंकियों की घुसपैठ होने के बाद तस्वीरें आती थीं लेकिन अब लाइव तस्वीरें बताएंगी कि सीमा के किस कोने पर आतंकी हिंदुस्तान में घुसने की कोशिश कर रहे हैं.
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