ISRO SSLV-D1: इसरो अपने पहले एसएसएलवी लॉन्च के लिए तैयार, सैटेलाइट मार्केट पर है नजर
ISRO Satellite Launch: इसरो रविवार को स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल डेवलपमेंटल फ्लाइट-1 (SSLV-D1) लॉन्च करेगा.
ISRO SSLV-D1 Launching: इसरो अपने पहले एसएसएलवी लॉन्च के लिए पूरी तरह तैयार है. SSLV-D1 कल सुबह 9.18 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाएगा. काउंट डाउन साढ़े छः घंटे पहले शुरू होगा. स्पेस सेक्टर में बढ़ रहे कंपटीशन और कमर्शियल लॉन्चेस में पहले ही अपना लोहा मनवा चुका इसरो (ISRO) रविवार यानी 7 अगस्त को अपने सबसे छोटे लॉन्च व्हीकल का प्रक्षेपण करेगा. एसएसएलवी के जरिए इसरो EOS-02 मिशन का प्रक्षेपण किया जाएगा.
यह सैटेलाइट नई तकनीक से लैस है जो कि फॉरेस्ट्री, एग्रीकल्चर, जियोलॉजी और हाइड्रोलॉजी जैसे क्षेत्र में काम करेगा, लेकिन उससे महत्वपूर्ण है ये लॉन्च व्हीकल, पीएसएलवी से छोटा तो है ही साथ ही इसे डिजाइन भी इस तरह किया गया है कि भविष्य में बढ़ते स्माल सैटेलाइट मार्केट और लॉन्चस को देखते हुए, यह कारगर साबित होगा. जिसमें हमारे अपने और विदेशी सैटेलाइट का प्रक्षेपण होगा.
पीएसएलवी का लोड होगा कम
इससे पावरफुल पीएसएलवी छोटे सैटेलाइट्स के लोड से मुक्त हो जायेगा क्योंकि वह सारा काम अब एसएसएलवी करेगा. ऐसे में पीएसएलवी को बड़े मिशन के लिए तैयार किया जाएगा. यह SSLV छोटे सैटेलाइट को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने में सक्षम होगा. यह मिशन रविवार को सुबह 9:18 बजे श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया जाएगा.
ये हैं एसएसएलवी की खासियतें
बता दें कि, एसएसएलवी इसरो के चीफ एस सोमनाथ का ब्रेन चाइल्ड है. एसएसएलवी अपने साथ 500 किलोग्राम वजनी पेलोड ले जाने में सक्षम है जो कि 500 किलोमीटर की ऊंचाई की कक्षा में सैटेलाइट स्थापित करेगा. जबकि इसकी तुलना में पीएसएलवी 1750 वजनी पेलोड को सन सिंक्रोनस ऑर्बिट यानी 600 किलोमीटर ऊपर कक्षा में स्थापित कर सकता है.
सैटेलाइट मार्केट पर है नजर
इसमें कोई दो राय नहीं कि इस वक्त कमर्शियल मार्केट में भी माइक्रो, नैनो और छोटे सैटेलाइट (Satellite) को प्रक्षेपण करने की मांग ज्यादा है ऐसे में यह इन लॉन्च के लिए SSLV बेहतर विकल्प साबित हो सकता है. 110 किलो वजनी SSLV तीन स्टेज का रॉकेट है जिसके सभी हिस्से सॉलिड स्टेज के हैं. उसे महज 72 घंटों में असेंबल किया जा सकता है. जबकि बाकी लॉन्च व्हीकल को करीब दो महीने लग जाते हैं. बढ़ते छोटे उपग्रह प्रक्षेपण बाजार (Satellite Market) को देखते हुए, आने वाले दिनों में SSLV को एक बेहतर प्लेयर स्पेस सेक्टर में बनाया जा सकता है.
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