नई दिल्ली: पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों के बढ़ोतरी को लेकर एक संसदीय समिति के कई सदस्यों ने गुरुवार को पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों से सवाल किए और यह भी जानने का प्रयास किया कि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम पर नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. सूत्रों ने यह जानकारी दी है.


पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर और सरकारी कंपनियों-आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल और गेल के वरिष्ठ अधिकारी पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस संबंधी संसद की स्थायी समिति के समक्ष उपस्थित हुए.


सदस्यों ने कहा कि लोगों के घर का बजट बिगड़ रहा है
सूत्रों के मुताबिक, समिति के कई सदस्यों, खासकर विपक्षी सदस्यों ने पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में बढ़ोतरी को लेकर सवाल किए और कहा कि इससे आम लोगों के घर का बजट बिगड़ रहा है. इस बैठक में पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति को बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत से जुड़े होते हैं.


सूत्रों ने बताया कि विपक्ष के एक सदस्य ने अधिकारियों की इस दलील का कड़ा प्रतिवाद किया और कहा कि कच्चे तेल की कीमत गिरने पर भी घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतें ज्यादा रहती हैं. कुछ सदस्यों ने यह भी कहा कि चुनावों को देखते हुए पेट्रोल उत्पादों की कीमतें बढ़ाने-घटाने का फैसला किया जाता है.


सूत्रों के अनुसार, समिति की इस बैठक में यह मुद्दा भी उठाया गया कि कई राज्यों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक कीमत पर बिक रहा है.


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