नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद काले धन खपाने के लिए कार खरीदने वालों पर भी सरकार ने शिकंजा कस लिया है. अब सरकार की जांच के घेरे में महंगी कार खरीदने वाले भी आ गए हैं. इनकम टैक्स विभाग ने बड़े कार डीलरों से नोटबंदी के बाद बड़ी कारें खरीदने वालों की जानकारी मांगी है. माना जा रहा है कि इससे सरकार काले धन मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारियों में है.


आयकर विभाग ने कार डीलरों से उन लोगों की सूची मांगी है जिन्होंने नोटबंदी के बाद कैश देकर बड़ी कार खरीदी है. इसके साथ ही आयकर विभाग ने एलआईसी से भी उन लोगों की सूची मांगी है जिन्होंने अगले 3 साल का प्रीमियम कैश में जमा किया है. दरअसल सरकार को आशंका है कि नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर काले धन का इस्तेमाल कार खरीदने में किया गया है. कार डीलरों से नोटबंदी के बाद बड़ी कार खरीदनेवालों की जानकारी मांगने के पीछे सरकार की मंशा है कि महंगी कार के जरिए काले धन को ठिकाने लगाने वालों की धरपकड़ की जाए.


नोटबंदी के बाद काले धन के मालिकों ने कई तरह की कोशिशें की जिससे वो अपने काले धन को ठिकाने लगा सकें. इसके लिए लोगों ने रेलवे के बल्क टिकट बुक कराने से लेकर जनधन खातों में अपना पैसा तक जमा कराया. हालांकि सरकार ने कई तरह से काले धन को ठिकाने लगाने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाकर इसे रोकने की कोशिश की. इसी कड़ी में अब नोटबंदी के बाद महंगी कार खरीदने वालों की जांच करने का फैसला लिया है.


हाल ही में देशभर में काले धन की जोरदार तरीके से धरपकड़ जारी है. देश के कई राज्यों से नए और पुराने नोटों की शक्ल में काला धन पकड़ा जा रहा है. इसके अलावा सरकार ने काले धन के रास्ते बंद करने के लिए और भी कई तरीके अपनाने का संकेत दिया है. इसी कड़ी में बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन प्रोहिवेशन अमेंडमेंट एक्ट 2016 लाया जा रहा है जिससे वो लोग नपेंगे जिन्होंने गुप्त धन से प्रॉपर्टी बनाई और इसका हिसाब सरकार को नहीं दिया. सरकार को धोखा देने और इनकम टैक्स से बचने के लिए प्रॉपर्टी खरीदी किसी ऐसे के नाम पर जो सगा नहीं था लेकिन प्रॉपर्टी रखी अपने कब्जे में. कुल मिलाकर ऐसे पैसे से खरीदी गई प्रॉपर्टी जो सरकार की नजर में काला धन है उसपर सरकार की पूरी नजर रहेगी. एक नवंबर से बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन प्रोहिवेशन अमेंडमेंट एक्ट लागू कर दिया गया है जिससे अब बेनामी संपत्ति वाले बच के कहीं जा नहीं सकते.