भागलपुर दंगे की आंच बीजेपी-जेडीयू गठबंधन तक पहुंची, चौबे के बेटे के जेल जाने से बढ़ी तनातनी
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि जो कहते थे कि एफआईआर को कूड़ेदान में फेंक देंगे उनके लिए भी ये एक जबाव है.
पटना: बिहार के भागलपुर में 17 मार्च को हुए दंगे की आंच में अब सूबे के सत्ताधारी गठबंधन में भी दरार पड़ गया है. मोदी सरकार के मंत्री अश्वनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत के सरेंडर, गिरफ्तारी और अब 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने के बाद मामला गरमा गया है. विपक्ष के हमलों के बीच गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे नीतीश कुमार की पार्टी ने भी अश्वनी चौबे को निशाने पर लिया है. फिलहाल अर्जित चौबे को विशेष केंद्रीय जेल में डाल दिया गया है.
जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि भागलपुर की घटना दुखद है, लेकिन किसी को भी अव्यवस्था नहीं फैलाने दिया जाएगा. अश्वनी चौबे को उनके ही बयान पर पलटवार करते हुए जेडीयू नेता ने कहा कि जो कहते थे कि एफआईआर को कूड़ेदान में फेंक देंगे उनके लिए भी ये एक जबाव है.
लेकिन जेडीयू के इस बयान पर बीजेपी गुस्से में है और अपने नेता के बचाव में जुटी है. नीतीश सरकार में शामिल बीजेपी के नेता और मंत्री प्रेम कुमार का कहना है कि 'भारत माता की जय' और 'जय श्री राम' कहना हर आदमी का जन्म सिद्ध अधिकार है.
मंत्री प्रेम कुमार कहते हैं, "मैं तो हर सभा भारत माता की जय से शुरू करता हूँ और भारत माता की जय से अंत करता हूँ. श्रीराम हम लोगों के आदर्श हैं और हमें प्रेरणा मिलती है. अर्जित का मामला अभी कोर्ट में है और इंसाफ मिलेगा."
आपको बता दें कि अर्जित शाश्वत केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का बेटा है. अर्जित शास्वत ने दो हफ्ते तक लुकाछिपी के बाद शनिवार देर रात आत्मसमर्पण कर दिया. बीती रात पटना रेलवे स्टेशन के पास हनुमान मंदिर पर अर्जित ने पुलिस के सामने आत्मसर्मपण किया. उसके बाद पुलिस अर्जित को लेकर भागलपुर पहुंची जहां कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव तो लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर हैं ही, आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया है. रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि जय श्री राम कहना ग़लत नहीं है लेकिन क्या तलवार दिखा कर कहना कि बोलो जय श्री राम. यह जय श्री राम के नाम को बदनाम करने वाले हैं.
अश्वनी चौबे ने किया बचाव
अश्वनी चौबे का दावा है कि भागलपुर में कोई दंगा नहीं हुआ. वहां हिन्दू-मुसलमान अमन चैन से रह रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं खुद अमन पसन्द व्यक्ति हूं. मेरे परिवार ने पहले के दंगों में मुसलमानों को पनाह दी है. मुझे किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. मेरे बच्चों के रगों में सहिष्णुता है. अर्जित ने शुरू से कहा है उसे फंसाया गया है."
अर्जित शाश्वत पर क्या है आरोप
शाश्वत के खिलाफ भागलपुर में बिना अनुमति के जुलूस निकालने, सांप्रदायिक भावना भड़काने और सड़क पर हथियारों के साथ जुलूस निकालने के लिए मामला दर्ज किया गया था. शाश्वत के पिता और बीजेपी नेता अश्विनी चौबे ने इस संबंध में दर्ज एफआईआर को 'कचरा का एक टुकड़ा' कहा, जो कि भागलपुर में 'भ्रष्ट पुलिस अधिकारी' द्वारा दर्ज किया गया है. शाश्वत ने पिछले लोकसभा चुनाव में भागलपुर से चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था.
दंगों में जल रहा है बिहार
बिहार में औरंगाबाद, नवादा, मुंगेर, भागलपुर और नालंदा जैसे जिले सांप्रदायिक तनाव की चपेट में हैं. प्रभावित शहरों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. अब ये आग बढ़कर समस्तीपुर, शेखपुरा और गया जिले में फैल गया है.