चेन्नई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘‘सत्ता की भूखी’’ कांग्रेस सरकार ने 45 वर्ष पहले आज ही के दिन लोगों से उनके अधिकार छीन लिए थे. आज लोकतंत्र की बात करने की कांग्रेस की हिम्मत क्षोभपूर्ण है.


मंत्री ने 25 जून 1975 को लगे आपातकाल को याद करते हुए कहा कि यह ‘‘सत्ता की भूखी कांग्रेस पार्टी’’ के लागू किया गया था और उसने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र के आगे एक बड़ी चुनौती उत्पन्न की थी. आपातकाल 21 मार्च 1977 तक चला था.

1975 में लोगों का पूरी तरह से अधिकार छीन लिया गया था

बीजेपी की तमिलनाडु पार्टी इकाई के कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन रैली में संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘लोगों के अधिकार पूरी तरह छीन लिए गए. कांग्रेस पार्टी ने ऐसा क्यों किया? यह सत्ता की लालसा थी. कानून तोड़ा गया और आपातकाल की घोषणा की गई.’’

आपातकाल के दौरान लोगों पर अत्याचार किया गया

उन्होंने आरोप लगाया कि आपातकाल के दौरान अनेक अत्याचार किए गए और विपक्ष के कई बड़े नेताओं को जेल में डाला गया. दिवंगत मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार बर्खास्त कर दी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि द्रमुक नेता मेयर चिट्टीबाबू जेल में यातनाएं नहीं झेल पाए और और उन्होंने दम तोड़ दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘आज लोकतंत्र की बात करने की कांग्रेस की हिम्मत क्षोभ पूर्ण है.’’ उन्होंने कहा कि द्रमुक ने भी बाद में कांग्रेस पार्टी का हाथ थाम लिया. उन्होंने पूछा, ‘‘द्रमुक को लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सवाल उठाने का क्या अधिकार है?’’

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