नई दिल्ली: वाम दलों ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त विपक्ष की अगुवाई कौन करेगा इस पर चर्चा करना अभी बहुत जल्दबाजी है. इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि साफ-सथुरी छवि वाले नेता को ही बीजेपी के अभियान का नेतृत्व करना चाहिए.


एक फरवरी को होने वाली विपक्ष की अहम बैठक से पहले तृणमूल कांग्रेस के एक नेता नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उन्हें लगता है कि सभी विपक्षी पार्टी चाहेंगी कि उनका अध्यक्ष विपक्षी खेमे की अगुवाई करें लेकिन संभावित नेता के पास किसी राज्य का मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री होने का तर्जुबा होना चाहिए.


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इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए वाम दलों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस इस तरह का मानदंड रखकर अपनी पार्टी की प्रमुख ममता बनर्जी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए रखना चाह रहे हैं.

भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि अगर तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि इन मानदंड का अनुसरण हो तो उन्हें उस व्यक्ति का नाम बताना चाहिए जो इस मानदंड में फिट बैठता हो. हम अभी उस स्तर पर नहीं पहुंचे और हम चुनावों पर चर्चा नहीं कर रहे है. चुनाव होने है और यह पार्टियों पर है कि वे किसी तरह की चुनावी रणनीतियों पर चर्चा करती है. अभी बहुत जल्दबाजी है.