मुस्लिम महिलाओं का भगवान श्रीराम की आरती करना गलत: देवबंद
दारूल उलूम जकरिया मदरसे के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती शरीफ खान ने कहा कि इस्लाम में शरीयत पूरी दुनिया के लिए एक है. शरीयत के अनुसार अगर वो मुसलमान है तो उसको सिर्फ अल्लाह की इबादत करनी चाहिए.
सहारनपुर: देवबंदी उलेमाओं ने दीपावली के मौके पर वाराणसी में एक कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं के भगवान श्रीराम की तस्वीर के सामने खड़े होकर आरती करने को गलत बताया है. देवबंदी उलेमाओं का कहना है कि ऐसा करने वाला मुसलमान नहीं रहता और वह ईमान से खारिज हो जाता है.
दारूल उलूम जकरिया मदरसे के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती शरीफ खान ने कहा कि इस्लाम में शरीयत पूरी दुनिया के लिए एक है. शरीयत के अनुसार अगर वो मुसलमान है तो उसको सिर्फ अल्लाह की इबादत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस्लाम में सिर्फ अल्लाह की इबादत करने की इजाजत है. अगर कोई उसको (अल्लाह को) छोड़कर किसी और तरीके से किसी की भी इबादत करता है या आरती करता है तो वो इस्लाम से खारिज हो जाएगा.
If anyone worships any god except Allah they don't remain Muslim-Ulema,Darul Uloom on Muslim women who performed aarti on Diwali in Varanasi pic.twitter.com/IgaLNcenGo
— ANI UP (@ANINewsUP) October 21, 2017
शरीफ खान ने कहा कि ऐसा करने वाला शख्स मुसलमान ही नहीं रहेगा, क्योंकि उन्होंने इस्लाम के कानून के खिलाफ काम किया है. इसलिए वो वाराणसी में हो या लखनऊ में या फिर दुनिया के किसी भी मुल्क में, औरत हो या मर्द, अगर कोई भी इस किस्म का काम करता है तो वो इस्लाम से खारिज मान लिया जायेगा और उसको मुस्लिम महिला या पुरूष कहना शरीयत के एतबार से सही नहीं होगा.
दरअसल दीपावली के मौके पर विशाल भारत संस्थान के बैनर तले वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की तस्वीर के सामने खड़े होकर आरती की थी.