औसत दर्जे का होना ठीक बात है: हेलिकॉप्टर हादसे में बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने अपने स्कूल के छात्रों को लिखे पत्र में कहा था
तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में एक मात्र बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत सहित 13 लोगों की मौत हुई थी.
![औसत दर्जे का होना ठीक बात है: हेलिकॉप्टर हादसे में बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने अपने स्कूल के छात्रों को लिखे पत्र में कहा था It's okay to be mediocre: Group Captain Varun Singh, who survived the helicopter crash, said in a letter to his school students औसत दर्जे का होना ठीक बात है: हेलिकॉप्टर हादसे में बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने अपने स्कूल के छात्रों को लिखे पत्र में कहा था](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/12/10/a832748e4941b767adcb71073296bcb4_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Group Captain Varun Singh Letter: तमिलनाडु में बुधवार को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को सितंबर में लिखे एक पत्र में छात्रों से कहा था कि “औसत दर्जे का होना ठीक होता है.”
बता दें कि तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में एक मात्र बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी सहित 13 लोगों की मौत हुई थी.
ग्रुप कैप्टन सिंह अभी बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पिछले साल वह एक तेजस विमान उड़ा रहे थे, जिसमें एक बड़ी तकनीकी खामी आ गई थी लेकिन उन्होंने अपने साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए उड़ान के बीच एक भीषण दुर्घटना को टाल दिया, जिसके लिए उन्हें अगस्त में शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था.
हरियाणा के चंडीमंदिर में स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखे पत्र में ग्रुप कैप्टन सिंह ने कहा, “औसत दर्जे का होना ठीक बात है. स्कूल में हर कोई उत्कृष्ट नहीं होता और सभी 90 प्रतिशत अंक नहीं ला पाते. अगर आप ऐसा कर पाते हैं तो यह एक उपलब्धि है उसकी सराहना होनी चाहिए.”
पत्र में कहा गया, “लेकिन आप ऐसा नहीं कर पाते तो यह मत सोचिये कि आप औसत दर्जे का होने के लिए बने हैं. आप स्कूल में औस्त दर्जे के हो सकते हैं लेकिन इसका कतई मतलब नहीं है कि जीवन में आने वाली चीजें भी ऐसी ही होंगी.”
उन्होंने लिखा था, “अपने मन की आवाज सुनिए. यह कला हो सकती है, संगीत हो सकता है, ग्राफिक डिजाइन, साहित्य इत्यादि. आप जो भी काम कीजिये उसके प्रति समर्पित रहिये, अपना सर्वोत्तम दीजिये. कभी यह सोचकर सोने मत जाइये कि आपने कम प्रयास किया.”
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