नई दिल्लीः वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड मामले में इटली की अदालत ने दो आरोपियों जी. ओरसी और ब्रूनो स्पैगोलिनी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. इस केस के रिट्रायल में इटली की कोर्ट ने इन दोनों आरोपियों को बरी किया है. जी. ओरसी घोटाले की मुख्य कंपनी फिनमैकेनिका का पूर्व सीईओ है और ब्रूनो स्पैगोलिनी अगस्ता वेस्टलैंड हैलीकॉप्टर यूनिट के बड़ा अधिकारी रह चुका है.


भारत में इस घोटाले में पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी सहित कुल नौ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दखिल की गई है. जिसमें  चार भारतीय नागरिक और पांच विदेशी नागरिक शामिल हैं. भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2010 में इटली की कंपनी अगस्ता से 3600 करोड़ में 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों का सौदा किया था. आरोप है कि सौदा करने के लिए कुल सौदे के 10 फीसदी यानी करीब 360 करोड़ रुपये की घूस दी गई थी.


125 करोड़ का वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला क्या है?


भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2010 में इटली की कंपनी अगूस्ता से 3600 करोड़ में 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों का सौदा किया था. जब ये सौदा किया गया तब केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए शासन का दौर था, तब वायुसेना के प्रमुख एसपी त्यागी थे.


माना जाता है कि सौदा करने के लिए कुल सौदे के 10 फीसदी यानी करीब 350 करोड़ रुपये की घूस दी गई थी. साल 2012 में इस सौदे में घोटाले की बात सामने आई. घोटाले के हंगामे के बीच 2013 में ही तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भ्रष्टाचार की बात कबूल करते हुए इस सौदे को रद्द कर दिया था.


अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से हुआ था सौदा
भारत ने ये अगूस्ता वेस्टलैंड कंपनी से किया था और हेलिकॉप्टर बनाने वाली कंपनी का नाम फिनमेक्कनिका है. इटली की इस कंपनी फिनमेक्कनिका ने 12 अगूस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर के सौदे में पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी समेत उनके तीन रिश्तेदारों पर घूस दिए.


आरोपों के मुताबिक अगूस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर को सौदे में हिस्सा लेने के काबिल बनाने के लिए टेंडर की शर्तों में कुछ तकनीकी फेरबदल किए गए. शर्तें बदलने के एवज में ही फिनमेक्कनिका कंपनी की ओर से घूस दी गई थी. आरोप है कि ये घूस पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी के साथ उनके तीन रिश्तेदारों को दी गई. रिश्वत की रकम सीधे न देकर दो कंपनियों आईडीएस ट्यूनिशिया और आईडीएस इंडिया के जरिए दी गई.