Police Medal: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आईटीबीपी के उन 20 जवानों को वीरता के पुलिस मेडल से नवाजा गया है, जिन्होनें पिछले साल पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हुए तनाव के दौरान चीनी सेना के खिलाफ असाधारण बहादुरी का परिचय दिया था. इसके अलावा सरकार ने भारतीय सेना के छह सैनिकों को कश्मीर में एंटी-टेरेरिस्ट ऑपरेशन्स के लिए शौर्य चक्र से नवाजा है.  


आईटीबीपी के मुताबिक, जिन 20 जवानों को वीरता के लिए पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री (पीएमजी) से नवाजा गया है, उनमें से 08 को पिछले साल यानि 15 जून 2020 को गलवान घाटी में चीनी सेना के खिलाफ वीरता, उच्च कोटि की रणनीति, सामरिक अंतर्दृष्टि और मातृभूमि की रक्षा के लिए सम्मानित किया गया है.  


आईटीबीपी नए बयान जारी कर बताया कि 18 मई, 2020 को फिंगर 4 क्षेत्र में झड़प के दौरान 6 जवानों को वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए पीएमजी से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा उसी दिन यानि 18 मई, 2020 को लद्दाख में ही हॉट स्प्रिंग्स के पास वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए 6 कर्मियों को पीएमजी से सम्मानित किया गया है. 


आईटीबीपी के मुताबिक, इन 20 जवानों के अलावा छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों में साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प प्रदर्शित करने के लिए 3 जवानों को पीएमजी से सम्मानित किया गया है. 


सरकार ने इस ‌साल कुल 1038 पुलिसकर्मियों और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को पुलिस मेडल से नवाजा है. इनमें से एक जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान और एक सीआरपीएफ (मरणोपरांत) को राष्ट्रपति के पुलिस मेडल से नवाजा है, जबकि 628 जवानों को वीरता के लिए पीएमजी से नवाजा गया है. इनमें से 398 को जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान, 155 को नक्सल प्रभावित क्षेत्र में और 27 को उत्तर-पूर्व इलाकों में तैनाती के दौरान सम्मानित किया गया. 


गृह मंत्रालय के मुताबिक, बाकी 390 पुलिसकर्मियों और जवानों को उनकी उतकृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, इस साल सबसे ज्यादा पुलिस मेडल जम्मू कश्मीर पुलिस (256) को दिए गए हैं. उसके बाद 151 सीआरपीएफ, 67 ओडिसा पुलिस, 25 महाराष्ट्र पुलिस, 23 आईटीबीपी और 20 छत्तीसगढ़ पुलिस को दिए गए हैं. 


सरकार ने इसके अलावा भारतीय सेना के छह सैनिकों को उनकी असाधारण वीरता के लिए शौर्य चक्र से नवाजा गया है. इसके अलावा भारतीय सेना के 120 सैनिकों को बहादुरी के लिए सेना मेडल से नवाजा गया है. इनमें से 04 सैनिकों को दूसरी बार ('बार टू सेना मेडल') से नवाजा गया है. 28 सैनिकों को 'मेंशन इन डिसपेच' से सम्मानित गया है.