'अम्मा' की तस्वीर के साथ पन्नीरसेल्वम ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
चेन्नईः तमिलनाडु की राजनीति में 1987 के बाद बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. सोमवार रात 11.30 बजे अपोलो अस्पताल में तमिलनाडु सीएम जे जयललिता का निधन हो गया. इसके बाद एआईएडीएमके के बड़े नेता ओ. पन्रीरसेल्वम तमिलनाडु के नए सीएम बन गए हैं. अब से थोड़ी देर पहले पन्नीरसेल्वम ने राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली पन्नीरसेल्वम के साथ ही 21 अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण के दौरान पन्नीरसेल्वम के हाथ में जे जयललिता की तस्वीर थी.
सोमवार देर रात एआईएडीएमके के मुख्यालय पर ओ पन्नीरसेल्वम को विधायक दल ने अपना नेता चुना. जयललिता के वारिस के तौर पर दो नाम शशिकला और पन्नीरसेल्वम सबसे आगे चल रहे थे लेकिन आखिरी मुहर पार्टी ने पन्नीरसेल्वम के नाम पर लगाई है.
जयललिता का कद इतना बड़ा था कि उनकी पार्टी में सब उनके आगे बौने लगते हैं. पन्नीरसेल्वम थेवर समुदाय से हैं और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं.पन्रनीरसेल्वम अपनी वफादारी वाली छवि की वजह से जाने जाते हैं. आय से अधिक संपत्ति के मामले में जब जयललिता को जेल जाना पड़ा था, तब जयललिता ने पनीरसेल्वम को ही अपना उत्तराधिकारी बनाया था और जयललिता की अनुपस्थिति में पनीरसेल्वम को कार्यकारी मुख्यमंत्री बनाया गया था.
बताया जाता है कि पनीरसेल्वम के साथ सबसे बड़ी समस्या ये है कि उनकी पार्टी पर उतनी मजबूत पकड़ नही है जितनी जयललिता की है. इसके अलावा उनकी खुद की अपनी कोई खास छवि या प्रभाव नहीं हैं.
आपको बता दें कि कल शाम जयललिता को कार्डिएक अरेस्ट हुआ था. जिसके बाद उन्हें अपोलो अस्पताल के प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में भर्ती किया गया था. अब चेन्नई के अपोलो अस्पताल ने निधन की पुष्टि कर दी है. सोमवार रात तकरीबन 11.30 बजे जयललिता का निधन हुआ.
आम जनता के दर्शन के लिए जयललिता के पार्थिव शरीर को राजाजी हॉल में रखा जाएगा. उनके निधन के बाद तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है. जयललिता के शव को अस्पताल से उनके घर पोएस गार्डन ले जाया जाएगा. इसके लिए अस्पताल से उनके घर तक विशेष कॉरीडोर बनाया गया है. अस्पताल से लेकर उनके घर तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
जयललिता को कैसे मिली थी पार्टी की कमान दिसंबर 1987 में एम.जी रामाचंद्रन की मृत्यु के बाद जयललिता को उनका उत्तराधिकारी बनाने के लिए एमजीआर की पत्नी जानकी से एक तीखा चुनाव लड़ना पड़ा. जानकी खुद अपना चुनाव हार गईं. जयललिता नेता विपक्ष बनने के साथ ही एमजीआर की असली उत्तराधिकारी बन गईं. तमिलनाडु की राजनीति में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. तमिलनाडु की कुर्सी पनीरसेल्वम या शशिकला, किसके हिस्से जाएगी इसके बारे में अभी निर्णायक तौरपर कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन जयललिता के वारिस के तौर पर फिलहाल यही दो नाम सबसे आगे चल रहे हैं.