नई दिल्ली: राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जवाहरलाल नेहरू सहित स्वाधीनता आंदोलन में भूमिका निभाने वाले नेताओं को याद किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘स्वतंत्रता के 70 साल पूरे होने के अवसर पर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं. कल देश आजादी की 70वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. इस वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर मैं आप सबको हार्दिक बधाई देता हूं.'


2022 तक नए भारत का निर्माण के लिए हो भागीदारी: राष्ट्रपति


देश के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2022 में नए भारत के निर्माण के लिए नागरिकों और सरकार के बीच भागीदारी का आह्वान किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, हमें सरकार की नीतियों का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाने के उद्देश्य के लिए एकता के साथ काम करना चाहिए.


बेटियों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए :राष्ट्रपति


राष्ट्रपति ने लोगों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि बेटियों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए और उन्हें सर्वश्रेष्ठ शिक्षा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि साल 2022 में जब भारत अपनी आजादी के 75 साल पूरे करेगा तब तक एक नये भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है.


राष्ट्रपति ने कहा, ‘ 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था. संप्रभुता पाने के साथ-साथ उसी दिन से देश की नियति तय करने की जिम्मेदारी भी ब्रिटिश हुकूमत के हाथों से निकलकर हम भारतवासियों के पास आ गई थी. कुछ लोगों ने इस प्रक्रिया को ‘सत्ता का हस्तांतरण’ भी कहा था. लेकिन वास्तव में वह केवल सत्ता का हस्तांतरण नहीं था. वह एक बहुत बड़े और व्यापक बदलाव की घड़ी थी. वह हमारे समूचे देश के सपनों के साकार होने का पल था - ऐसे सपने जो हमारे पूर्वजों और स्वतंत्रता सेनानियों ने देखे थे. अब हम एक नये राष्ट्र की कल्पना करने और उसे साकार करने के लिए आजाद थे.’


हम अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के कर्जदार हैं: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद


राष्ट्रपति रामनाथ ने आगे कहा, ‘ हमारे लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि स्वतंत्र भारत का उनका सपना, हमारे गांव, गरीब और देश के समग्र विकास का सपना था. आजादी के लिए हम उन सभी अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के कर्जदार हैं जिन्होंने इसके लिए कुर्बानियां दी थीं.’