CJI DY Chandrachud: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से सरकार के विपक्ष की भूमिका में होने की उम्मीद गलत है. वकीलों के कार्यक्रम में सीजेआई बोले कि सुप्रीम कोर्ट आम जनता के लिए है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह संसद में विपक्ष की भूमिका निभाने लगे.
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि जो लोग किसी मामले में कोर्ट के फैसले की सराहना करते हैं, वहीं किसी दूसरे मामले में आलोचना शुरू कर देते हैं. यह इस बात पर निर्भर करता है कि फैसला जिसके पक्ष में आया, वह उसका समर्थन करते हैं या नहीं. कोर्ट इन बातों से प्रभावित हुए बिना काम करता है.
तथ्यों के आधार पर फैसला सुनाती है अदालत
गोवा में चल रहे इस कार्यक्रम में चीफ जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ ने कहा कि जज केस में रखे गए तथ्यों के आधार पर फैसला देते हैं. फैसलों की आलोचना में कुछ गलत नहीं है, लेकिन यह कानूनी पहलुओं पर होना चाहिए. फैसला किसके पक्ष में आया है, इस आधार पर आलोचना करना सही नहीं है.
आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए बना था सुप्रीम कोर्ट
चीफ जस्टिस ने कहा कि भारत में सुप्रीम कोर्ट आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए बना था. आज आर्थिक तरक्की के बीच भी समाज के कई लोग पिछड़े है. सुप्रीम कोर्ट की भूमिका सिर्फ सवैंधानिक विवादों का निपटारा करने की नहीं हो सकती. उसे आम लोगों की उन परेशानियों को भी सुनना है, जो उनके जीवन पर असर डालती हैं. भारत के सुप्रीम कोर्ट की तुलना अमेरिका, ब्रिटेन या ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से नहीं की जा सकती.
आम लोगों की परेशानियों को गंभीरता से सुनते हैं जज
जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि ज्यादातर लोग न्यायिक व्यवस्था का हिस्सा नहीं हैं. ऐसे में यह आरोप आसानी से लगा दिया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट सिर्फ बड़े लोगों के केस सुनता है. अब सुनवाई की सीधे प्रसारण से लोगों को पता चल रहा है कि आम लोगों की परेशानियों को भी जज गंभीरता से सुनते हैं. चाहे वह ज़मानत की मांग हो या पेंशन या नौकरी से जुड़ी समस्या.
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