J&K: डल झील की अस्वच्छता से निराश हैं LG मनोज सिन्हा, कहा- लोग सामूहिक जिम्मेदारी लें
डल झील की अस्वच्छता पर एलजी मनोज सिन्हा ने कहा- झील को साफ रखने के लिए लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए. झील श्रीनगर की सुंदरता में इजाफा करती है.
श्रीनगर: डल झील के रखरखाव और सफाई के लिए जिम्मेदार झीलों और जलमार्ग विकास प्राधिकरण (LAWDA) को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रसिद्ध डल झील को उस स्तर तक साफ नहीं किया गया है, जिस स्तर पर इसे करना चाहिए था. उन्होंने यह अवलोकन जम्मू-कश्मीर में 15 दिवसीय स्वच्छता अभियान का उद्घाटन करते हुए किया, जिसमें डल झील को भी शामिल किया गया है.
झील को साफ रखने के लिए लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए- एलजी
महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर स्वच्छ भारत अभियान से इतर पत्रकारों से बात करते हुए एलजी सिन्हा ने कहा कि झील में कुछ डी-वीडिंग मशीनें काम कर रही हैं, लेकिन यूटी प्रशासन झील की सफाई के लिए और मशीनें लगाएगा. एलजी ने कहा, ‘’झील को साफ रखने के लिए लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए. झील श्रीनगर की सुंदरता में इजाफा करती है और मैं श्रीनगर के लोगों से इसे बचाने और इसे साफ रखने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आग्रह करता हूं."
यूटी में 15 दिनों का स्वच्छता अभियान शुरू
प्रशासन ने श्रीनगर सहित पूरे यूटी में 15 दिनों का स्वच्छता अभियान शुरू किया है, जिसके तहत शहर की सफाई और सौंदर्यीकरण में आम लोगों को शामिल किया गया है. लेकिन कार्यकर्ता झील के विकास प्राधिकरण के कामकाज के साथ-साथ झील के संरक्षण में शामिल अन्य कार्यालयों से खुश नहीं हैं. संरक्षणवादी और पर्यटन कार्यकर्ता मंजूर वांगनू ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह झील को बचाने के लिए बहुत कम है.
मंजूर वांगनू ने कहा, "जहां लोग देखते हैं वहां झील की सफाई करना झील को साफ नहीं कर सकता, अगर हम डल झील को बचाना चाहते हैं तो इसे आंतरिक क्षेत्रों में साफ करना होगा जहां यह सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त है."
सरकार ने डल झील की सफाई और जीर्णोद्धार पर 600 करोड़ खर्च किए
सरकार ने पिछले दो दशकों में डल झील की सफाई और जीर्णोद्धार पर 600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में झील का क्षेत्र काफी कम हो गया है. जबकि झील के जीर्णोद्धार के लिए अधिकांश पैसा अवैध अतिक्रमणकारियों को हटाने और झील क्षेत्र से हटाए गए झील के निवासियों को मुआवजा देने में खर्च किया गया है.
सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत डल झील की सफाई का जिम्मा स्थानीय लोगों में भी नहीं उठाया है. झील के संरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे युवा नेता निजाम ने कहा, "हमें अब उम्मीद है कि झील को साफ कर दिया जाएगा, क्योंकि इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत लिया गया है."