श्नीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस ने सोमवार को बताया कि अधिकारियों को तब अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के घर पर तीन घंटे इंतजार करना पड़ा था जब वे उनकी मृत्यु के बाद उन्हें दफनाने के लिए गए थे. पुलिस ने कहा कि ‘‘शायद पाकिस्तान और असमाजिक तत्वों के दबाव में गिलानी का परिवार देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हुआ.’’
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कथित तौर पर सीमा पार से फैलाई जा रही अफवाहों का खंडन करते हुए अपने ट्विटर हैंडल के माध्यम से चार वीडियो भी जारी किए.
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिलानी के शव को पाकिस्तानी झंडे में लपेटने और उनके घर पर कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने को लेकर कड़े गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम (यूएपीए) कानून के तहत मामला दर्ज किया है.
पुलिस ने उस वीडियो का संज्ञान लिया था जिसमें गिलानी का शव पाकिस्तानी झंडे में लिपटा दिखा था. हालांकि, जैसे ही पुलिस शव को अपने कब्जे में लेने के लिए आगे बढ़ी, दिवंगत अलगाववादी नेता के सहयोगियों ने झंडा हटा दिया. गिलानी के शव को उनके आवास के पास एक मस्जिद परिसर में स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया था.
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया था कि सैयद अली शाह गिलानी के परिवार को अंतिम संस्कार से वंचित किया गया. यह मानवता के खिलाफ है और इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को दुख हुआ है. महबूबा ने पार्टी की बैठक के बाद कहा, ‘‘गिलानी से हमारे मतभेद थे...लड़ाई तो जिंदा इंसान से होती है लेकिन इंसान मर जाता है तो मतभेद खत्म हो जाने चाहिए. मृतक सम्मानजनक अंतिम संस्कार का हकदार होता है.’’
कश्मीर के आठ जिलों में इंटरनेट सेवाएं बहाल
कश्मीर घाटी के 10 में से आठ जिलों में सोमवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं. कट्टरपंथी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत के कुछ घंटे बाद बुधवार देर रात फोन पर कॉल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं.
यह भी पढ़ें-