अनंतनाग: युवाओं को गुमराह करने और उन्हें आतंकवादी रैंक में शामिल होने के लिए लुभाने के लिए आतंकवादियों की एक बड़ी गतिविधि का पता लगाने के दौरान अनंतनाग पुलिस ने 14 युवाओं को आतंकवादी समूहों में शामिल होने से बचाने में सफलता हासिल की है. ईद-उल-अजहा की पूर्व संध्या पर क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में अब सभी लड़कों को परिजनों के हवाले कर दिया गया है.
स्थानीय आतंकवादियों के संपर्क में थे युवक
इम्तियाज हुसैन मीर, एसएसपी अनंतनाग के मुताबिक, 18-22 साल के आयु वर्ग के सभी बचाए गए लड़के विभिन्न स्थानीय आतंकवादियों के संपर्क में थे और सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान में स्थित आतंकवादियों द्वारा आतंकी संगठनों में भर्ती होने का लालच भी दिया जा रहा था. ईद से ठीक एक दिन पहले कई काउंसलिंग सेशन के बाद आज जिला पुलिस कार्यालय अनंतनाग में उन्हें माता-पिता को सौंप दिया गया. पिछले कई दिनों से पुलिस अधिकारियों और पेशेवर काउंसलरों द्वारा काउंसलिंग सत्र चलाए गए थे और सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद अनंतनाग जिले के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित इन युवाओं को उनके परिवारों के साथ फिर से मिलाने की अनुमति दी गई थी.
एसएसपी अनंतनाग इम्तियाज हुसैन ने माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों के बारे में जागरूक रहें और सुनिश्चित करें कि बुरे तत्वों को आपराधिक गतिविधियों के लिए युवा दिमाग को प्रभावित करने का मौका न मिले. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले ही आतंकी गुटों में नए युवाओं के प्रवेश को रोकने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू कर दी है और 14 युवाओं को वापस सौंपने का यह कदम उसी परियोजना का हिस्सा है.
पुलिस ने 200 से अधिक युवाओं को आतंकी गुटों में शामिल होने से बचाया
पुलिस ने मुठभेड़ों के दौरान भी सक्रिय आतंकवादियों का आत्मसमर्पण करना शुरू कर दिया है ताकि आतंकवादियों को यह संदेश दिया जा सके कि जम्मू-कश्मीर पुलिस केवल हत्याओं में विश्वास नहीं करती है. अब तक जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 200 से अधिक युवाओं को आतंकी गुटों में शामिल होने से बचाया है. जबकि पिछले दो सालों के दौरान उसने 25 से अधिक आतंकवादियों का आत्मसमर्पण किया है.