नई दिल्ली: पत्थरबाजी और आगजनी की घटना पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में शांति और सद्भाव में गड़बड़ी के बारे में बहुत परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं. उन्होंने दिल्ली के एलजी और गृहमंत्री से कानून व्यवस्था बहाल करने की अपील की.
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ''दिल्ली के कुछ हिस्सों में शांति और सद्भाव में गड़बड़ी के बारे में बहुत परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं. मैं ईमानदारी से माननीय एलजी और माननीय केंद्रीय गृह मंत्री से कानून और व्यवस्था को बहाल करने का आग्रह करता हूं और ताकि शांति और सद्भाव बना रहे. किसी को भी माहौल खराब करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.''
प्रदर्शनकारियों ने कम से कम दो घरों में आग लगा दी
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने कम से कम दो घरों में आग लगा दी, जिससे तनाव और बढ़ गया है. इन इलाकों में सोमवार को लगातार दूसरे दिन सीएए समर्थक और विरोधी समूहों के बीच झड़पें हुईं. प्रदर्शनकारियों ने एक-दूसरे पर पथराव किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस ने समूहों को शांत कराने के भी प्रयास किए.
'दमकल की एक गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया'
अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने इलाके में लगी आग बुझाते समय दमकल की एक गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया. दिल्ली मेट्रो ने इलाके में तनाव के बीच जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर स्टेशनों पर एंट्री और एग्जिट गेट बंद कर दिए. डीएमआरसी ने ट्वीट किया, ‘‘जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशनों के एंट्री और एग्जिट गेट बंद कर दिए गए हैं. इन स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी.’’ जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के एंट्री और एग्जिट गेट पिछले 24 घंटों से बंद हैं.
रविवार को जाफराबाद में शुरू हो गई थी झड़प
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रविवार को सड़क सड़क रोक दी थी जिसके बाद जाफराबाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी. दिल्ली के कई दूसरे इलाकों में भी ऐसे ही धरने शुरू हो गए हैं. मौजपुर में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी जिसमें मांग की गयी थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए, इसके तुरंत बाद दो समूहों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके चलते पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.