तेलंगाना ने बनाया रिकॉर्ड, दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना का हुआ उद्घाटन
तेलंगाना में आज दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया गया. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने इस परियोजना का उद्घाटन किया. इस मौके पर आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे.
हैदराबाद: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शुक्रवार को 80 हजार करोड़ रुपये की कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया. इस परियोजना को विश्व की सबसे बड़ी बहुउद्देश्यीय योजना कहा जा रहा है. राज्य सरकार का कहना है कि इस दक्षिणी राज्य के लिए वरदान मानी जाने वाली यह परियोजना एक साल में 45 लाख एकड़ जमीन पर दो फसलों की सिंचाई में मददगार साबित होगी. राज्य सरकार ने कहा कि इससे ‘मिशन भागीरथ’ पेयजल आपूर्ति परियोजना को 40 टीएमसी जल की आपूर्ति की जाएगी.
इसमें कहा गया कि यह परियोजना ग्रेटर हैदराबाद की एक करोड़ लोगों को पेयजल की आपूर्ति में मदद करेगी. इसके अलावा, परियोजना से राज्य में हजारों उद्योगों को 16 टीएमसी जल की व्यवस्था होगी. इस परियोजना ने राज्य में पनबिजली उत्पादन के लिए भी अवसर खोल दिये हैं. जयशंकर-भुपालपल्ली जिले के मेदिगगड्डा में बैराज खोले जाने के समय तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ई एस एल नरसिम्हा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी मौजूद थे.
उद्घाटन समारोह के दौरान राव और उनकी पत्नी शोभा ने मेदिगड्डा में यज्ञ में भाग लिया जहां श्रंगेरी पीठम के वैदिक पंडितों ने विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान पूरे किये. राव ने कन्नेपल्ली में परियोजना के तहत एक पंप हाउस का भी उद्घाटन किया जहां महाराष्ट्र से निकलने वाली नदी गोदावरी का जल तेलंगाना से होता हुआ आंध्र प्रदेश में समुद्र में जाकर मिल जाता है.
फडणवीस ने कहा, ''यह (परियोजना) तेलंगाना का चेहरा बदल देगी. यह (परियोजना) महाराष्ट्र की जनता द्वारा तेलंगाना की जनता को उपहार है.'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ''हमें निर्देश दिया है कि सहभागी संघवाद होना चाहिए और दोनों राज्यों तेलंगाना एवं महाराष्ट्र ने सहयोग किया है. मैं बहुत खुश हूं कि तेलंगाना ने रिकार्ड रफ्तार से इसे पूरा किया.''
चंद्रशेखर राव नीत सरकार ने आठ मार्च 2016 को महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौता किया था और इस मुद्दे पर दशकों के मतभेदों को दूर करते हुए मेदिगड्डा में परियोजना निर्माण का रास्ता साफ किया था. राव ने दो मई 2016 को परियोजना के लिए कन्नेपल्ली में आधारशिला रखी थी.