'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर क्या है जगनमोहन रेड्डी की YSRCP का रुख? पार्टी महासचिव ने बताया
YSR Congress On One Nation One Election: केंद्र सरकार की ओर से राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने का अध्ययन करने के लिए एक समिति गठित की गई है.
YSRCP On One Nation One Election Committee: 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के मुद्दे को लेकर देश में नई बहस छिड़ गई है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' का विरोध करते हुए केंद्र सरकार की आलोचना की है. इसी बीच केंद्र को आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) का साथ मिला है. पार्टी महासचिव वी विजयसाई रेड्डी (V Vijayasai Reddy) ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का समर्थन किया है.
वी विजयसाई रेड्डी ने शनिवार (2 सितंबर) को कहा कि इसके कई सकारात्मक पहलू हैं और इससे हजारों करोड़ रुपये बचाने में मदद मिल सकती है. वी विजयसाई रेड्डी आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ दल के राज्यसभा सदस्य भी हैं. उन्होंने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर केंद्र की ओर से बनाई गई समिति पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
"हजारों करोड़ रुपये की बचत हो सकती है"
वी विजयसाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा, "एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा के कई सकारात्मक पहलू हैं, सबसे बड़ी बात यह है कि इससे हजारों करोड़ रुपये की बचत हो सकती है." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये अवधारणा भारत के लिए नई नहीं है.
"आंध्र प्रदेश पर नहीं पड़ेगा असर"
उन्होंने कहा कि इससे पहले 1951-52, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ हो चुके हैं. रेड्डी ने अपने पोस्ट में कहा, "आंध्र प्रदेश पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ ही होते हैं."
The concept of One Nation-One Election has many positives most of all it saves thousands of crores. The concept is not new. India had simultaneous General and State elections in 1951-52, 1957, 1962 & 1967. For us in AP, it does not affect us as the Lok Sabha and Assembly…
— Vijayasai Reddy V (@VSReddy_MP) September 2, 2023
केंद्र ने किया 8 सदस्यीय समिति का गठन
बता दें कि, केंद्र सरकार ने शनिवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' की जांच के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस कमेटी का अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को बनाया गया है. समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद, वित्त कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और अन्य को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है.
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