रांची: झारखंड में पूर्व की रघुवर सरकार ने शिक्षकों की अटेंडेंस डिजिटल करने के लिए राज्य के स्कूलों में 41 हजार के करीब टैब बांटे थे. इसके लिए राज्य में करीब 53 करोड़ रुपये की लागत से HP कंपनी के टैबलेट खरीदे गए थे. जिस तरह से उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार ने बच्चों को लैपटॉप बांटे थे. जिसमें समाजवादी पार्टी के तत्कालीन मुखिया मुलायम सिंह यादव और उस समय के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव की तस्वीर आने के बाद लैपटॉप खुलता था. ठीक उसी तर्ज पर झारखंड में रघुवर सरकार में विद्यालयों को बांटे गए टैबलेट में मुख्यमंत्री रघुवर दास के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर दिखाई देती है. सत्ता बदली तो हेमंत सरकार के शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया कि टैबलेट में आने वाले संदेश को हटाया जायेगा.


इतना ही नहीं टैबलेट की खरीद पर पिछली सरकार ने 53 करोड़ रुपये खर्च किये थे और अब मौजूदा सरकार उसमें मौजूद संदेश हटाने में 20 करोड़ रुपये खर्च करेगी. जानकारी के मुताबिक एक टैबलेट की कीमत 13 हजार थी और अब उसमें मौजूद संदेश हटाने की कीमत 4 हजार है. शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने ये भी निर्देश दिया है कि जिस अधिकारी के आदेश से संदेश डाले गए थे उसपर भी कार्रवाई की जाए.


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संदेश डालने के लिए एजेंसी को मौखिक आदेश दिए गए थे. बड़ा सवाल ये है कि इस तरह से एक सरकार जनता के पैसे से टैबलेट में अपनी वाहवाही के लिए संदेश डालती है तो दूसरी सरकार उसे हटाती है. ऐसे में पैसों की बर्बादी के लिए जिम्मेदार कौन होगा? क्योंकि टैबलेट्स में संदेश डालने से लेकर हटाने तक में जनता का पैसा लगा है जिसके लिए कोई जवाबदेह नहीं है.


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