पुरी/अहमदाबाद: दुनिया भर में मशहूर पुरी की जगन्नाथ रथयात्रा आज से शुरू हो गई है. इस रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ को पुरी में नगर भ्रमण कराया जाता है. वहीं, अहमदाबाद की 142वीं जगन्नाथ रथयात्रा भी आज से शुरू हो गई है. आज सुबह केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने परिवार के साथ अहमदाबाद में मंगल आरती की.


उड़ीसा के पुरी पहुंचते हैं देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु 


बता दें कि भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हर साल उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में पारंपरिक रीति रिवाज के साथ बड़े ही धूमधाम से आयोजित की जाती है. आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को होने वाली विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा में भाग लेने के लिए देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु उड़ीसा के पुरी पहुंचते हैं. रथयात्रा में मंदिर के तीनों मुख्य देवता, भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अलग अलग तीन भव्य और सुसज्जित रथों पर विराजमान होकर यात्रा पर निकलते हैं.





भगवान जगन्नाथ को कराया जाता है नगर भ्रमण

इस रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ को पुरी में नगर भ्रमण कराया जाता है. रथयात्रा के जरिए भगवान जगन्नाथ, बलभद्रजी और देवी सुभद्रा रथ में बैठकर जगन्नाथ मंदिर से जनकपुर स्थित गुंढ़ीचा मंदिर जाते हैं, यह उनकी मौसी का घर है. इसके बाद दूसरे दिन रथ पर रखी भगवान जगन्नाथजी, बलभद्रजी और सुभद्राजी की मूर्तियों को विधि पूर्वक उतार कर मौसी के मंदिर में लाया जाता है.


गुंडीचा मंदिर में भगवान जगन्नाथ के दर्शन को 'आड़प-दर्शन' कहा जाता है. यहां सात दिन विश्राम करने के बाद 8वें दिन आषाढ़ शुक्ल दशमी को सभी रथ पुन: मुख्य मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं. रथों की वापसी की इस यात्रा की रस्म को बहुड़ा यात्रा कहते हैं. रथयात्रा के लिए जिन रथों का निर्माण किया जाता है उनमें किसी तरह की धातु का इस्तेमाल भी नहीं होता, ये सभी रथ तीन प्रकार की पवित्र और परिपक्व लकड़ियों से बनाएं जाते हैं.


गुजरात के अहमदाबाद में भी निकाला जाएगी 142वीं रथयात्रा 


गुजरात के अहमदाबाद स्थित जगन्नाथ मंदिर की 142वीं रथयात्रा आज कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली जा रही है. रथयात्रा की बहुस्तरीय सुरक्षा के तहत करीब 25 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखी जायेगी. यह यात्रा 14 किलोमीटर का सफर तय करती है और इसमें तीन रथ, 19 गजराज, 100 ट्रक, 30 मंडलियां और सात कारें शामिल होती हैं. देश भर में से 2000 के करीब साधु संत रथ यात्रा शामिल होंगे जो हरिद्वार, अयोध्या, नासिक, उज्जैन, जगन्नाथ पुरी और सौराष्ट्र से साधु संत आए हुए है. भगवान को 30,000 किलो मुंगदाल, 500 किलो जामुन, 300 किलो आम और 400 किलो ककडी और दाडम का प्रसाद चढाया जायेगा.


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