Vice President Candidate: पहली बार जनता दल से पहुंचे लोकसभा , अब BJP की मेहरबानी से बनेंगे उपराष्ट्रपति; जानें उनका सियासी सफर
Vice President Candidate: जगदीप धनखड़ ने को एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है. साल 1989 से वो राजनीति में सक्रिय हैं.
Vice President Election 2022: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar) को एनडीए (NDA) की ओर से उपराष्ट्रपति (Vice President) का उम्मीदवार घोषित किया गया है. अभी हाल में ही बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने 16 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की थी, तब शायद किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि उन्हें अगले उपराष्ट्रपति के तौर पर बीजेपी मौका देने वाली है. बीजेपी अपने हर फैसले पर लोगों को चौंकाती है. इस बार भी यही हुआ. इसके पहले मुख्तार अब्बास नकवी, कैप्टन अमरिंदर सिंह और केरल के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान को लेकर कयास लगाए जा रहे थे लेकिन आखिरी समय पर जगदीप धनखड़ का नाम निकल कर सामने आया.
18 मई 1951 में जगदीप धनखड़ का जन्म हुआ था. आपको जगदीप धनखड़ के बारे में ये जानकर हैरानी होगी कि उनका चयन आईआईटी, एनडीए और आईएएस में हुआ लेकिन उन्होंने वकालत को तरजीह दी. वो राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं. साल 1989 में धनखड़ ने पहली बार सियासत में कदम रखा, जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड वोटों से जीतकर संसद पहुंचे.
राजस्थान सियासत का चर्चित चेहरा हैं धनखड़
एक वक्त जगदीप धनखड़ राजस्थान की सियासत का चर्चित चेहरा रह चुके हैं. जगदीप धनखड़ मौजूदा समय पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं. वो राजस्थान के जाट समुदाय से आते हैं और राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलवाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. धनखड़ सियासी दांवपेंच और कानून के बड़े जानकार माने जाते रहे हैं. धनखड़ पार्टी के अंदर अपने संबंधों के लिए जाने जाते हैं जिसमें उन्हें महारथ हासिल है.
जनता दल, कांग्रेस के बाद 2003 में बीजेपी ज्वाइन की
जगदीप धनखड़ झुंझुनूं से जनता दल के सांसद चुने गए थे. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया और अजमेर से वो कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े हालांकि इस चुनाव में उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी. इसके बाद साल 2003 में धनखड़ ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया और अजमेर के किशनगंज से विधायक चुने गए. धनखड़ सिर्फ नेता ही नहीं है वो सुप्रीम कोर्ट के जाने माने वकील भी हैं.
Presidential Elections 2022: यशवंत सिन्हा की राष्ट्रपति उम्मीदवारी को मिला कितने दलों का साथ? जानें