Jagdeep Dhankhar: 'संसद की कार्यवाही में बाधा डालने की राजनीति गलत परंपरा', शीतकालीन सत्र के समापन पर बोले धनखड़
Jagdeep Dhankhar On Rajya Sabha: संसद के शीतकालीन सत्र के समापन पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राजनीतिक रणनीति के रूप में व्यवधानों को हथियार बनाना सही नहीं है.
Jagdeep Dhankhar Conclusion Statement: संसद का शीतकालीन सत्र तय समय से एक दिन पहले गुरुवार (21 दिसंबर) को ही खत्म कर दिया गया. इस दौरान राज्यसभा में 65 घंटे काम हुआ. 17 विधेयक भी पारित कराए गए. इधर शीतकालीन सत्र के समापन पर अपने बयान में राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने अफसोस जताते हुए कहा कि विपक्ष की ओर से कार्यवाही बाधित करने के कारण लगभग 22 घंटे बर्बाद हुए.
"व्यवधान को हथियार बनाने की रणनीति"
संसद के दोनों सदनों में भारी विरोध प्रदर्शन और हंगामे की ओर इशारा करते हुए धनखड़ ने विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक रणनीति के रूप में व्यवधानों को हथियार बनाना सही नहीं है.
उन्होंने कहा, 'इस शीतकालीन सत्र में 14 बैठकें हुईं. इस दौरान सत्ता पक्ष व विपक्ष के 2,300 से अधिक सवाल रखे गए. इसके अलावा इसी अवधि में 4300 से अधिक दस्तावेज भी पटल पर रखे गए. हालांकि, मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि कार्यवाही बाधित करने के कारण लगभग 22 घंटे बर्बाद हो गए. इसका असर हमारी उत्पादकता पर पड़ा, जो 79 फीसदी रही. व्यवधान और हंगामे को राजनीतिक रणनीति के रूप में हथियार बनाना हमारे संवैधानिक दायित्व से मेल नहीं खाता है.'
इन विधेयकों से आएंगे बड़े बदलाव
अपने कंक्लुजन स्टेटमेंट में जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्यसभा सांसदों ने बहस के साथ महत्वपूर्ण विधायी गतिविधियों को सफलतापूर्वक पूरा किया है. शीतकालीन सत्र में कुल 17 विधेयक पारित किए गए. जहां देश के आपराधिक कानून में आमूल-चूल बदलाव लाने वाले भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक पारित हुए. वहीं, दूरसंचार क्षेत्र के ढांचे में बदलाव लाने वाले दूरसंचार विधेयक और मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति वाले विधेयक भी चर्चित रहे. इसके अलावा, डाकघर विधेयक, प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन विधेयक भी पारित किए गए.
राष्ट्र निर्माण में अहम होगा वर्ष 2024
जगदीप धनखड़ ने वर्ष 2024 के आगमन की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि सभी को क्रिसमस और नव वर्ष की शुभकामनाएं. सिर्फ मुझे ही नहीं अधिकतर लोगों को उम्मीद है कि वर्ष 2024 राष्ट्र निर्माण में नई भूमिका निभाएगा. आपको बता दें कि सदन में आसन की अवमानना के आरोप में विपक्ष के सांसदों के सस्पेंशन के बाद तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने जगदीप धनखड़ की मिमिक्री की थी, जिसे लेकर वह दुखी हुए थे.
ये भी पढ़ें : Rajasthan Politics: उपराष्ट्रपति मिमिक्री मामले में कांग्रेस कार्यालय के सामने किसान-जाट समाज का प्रदर्शन, दी ये चेतावनी