राज्यसभा में क्यों आया जगदीप धनखड़ को गुस्सा? सांसदों से बोले- 'नियम 267 को बना रहे हथियार'
Jagdeep Dhankha: हंगामे के बीच धनखड़ ने सांसदों से शांत रहने की अपील की और कहा, "मैं आप सभी से गहरी आत्ममंथन की अपील करता हूं. नियम 267 को व्यवधान के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है."
संसद का शीतकालीन सत्र लगातार पांचवें दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया. शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के चलते स्थगित करनी पड़ी. विपक्षी दल गौतम अडानी पर अमेरिकी जांच, मणिपुर की स्थिति और संभल हिंसा जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे थे. इस सत्र की शुरुआत 25 नवंबर को हुई थी और यह 20 दिसंबर तक चलेगा.
नियम 267 पर बवाल, सभापति ने खारिज की 17 नोटिस
सुबह की कार्यवाही में निर्धारित दस्तावेज पेश किए जाने के बाद, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने जानकारी दी कि उन्हें नियम 267 के तहत कुल 17 स्थगन प्रस्ताव मिले हैं. इन सभी नोटिसों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यह नियम व्यवधान का हथियार बनता जा रहा है. इस बयान पर विपक्षी सांसद भड़क उठे और सदन में नारेबाजी शुरू कर दी.
'गहरी आत्ममंथन की जरूरत': जगदीप धनखड़
हंगामे के बीच धनखड़ ने सांसदों से शांत रहने की अपील की और कहा, "मैं आप सभी से गहरी आत्ममंथन की अपील करता हूं. नियम 267 को व्यवधान के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है." इस पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई. सदन स्थगित करने से पहले धनखड़ ने कहा कि विपक्ष द्वारा बार-बार एक ही मुद्दा उठाया जा रहा है, जिससे सदन के तीन कार्य दिवस बर्बाद हो चुके हैं.
सभापति धनखड़ ने कहा, "ये मुद्दे सप्ताह के दौरान बार-बार उठाए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप हमने पहले ही 3 कार्य दिवस खो दिए हैं. ये वे दिन थे जो हमें सार्वजनिक हित के लिए समर्पित करने चाहिए थे. हमारे द्वारा ली गई शपथ का पालन करते हुए हमें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए था." इसके बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई.
नियम 267 को व्यवधान के एक उपकरण के रूप में हथियार बनाया जा रहा है, राज्यसभा के सभापति ने कहा।
— SansadTV (@sansad_tv) November 29, 2024
सभापति ने सदन के सामान्य कार्य में व्यवधान पर गहरी पीड़ा और अत्यंत दुख व्यक्त किया।@VPIndia pic.twitter.com/z45PI0pzuD
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