'कुछ राष्ट्रविरोधी नैरेटिव चला रहे कि...', बांग्लादेश पर उप-राष्ट्रपति ने किया आगाह, इंदिरा गांधी पर भी कही बड़ी बात!
Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश की मजबूत न्याय व्यवस्था की तारीफ की. उन्होंने कहा कि अगर इमरजेंसी नहीं लगती तो भारत दशकों पहले ही विकास की नई ऊंचाईयों को छू लेता.
Jagdeep Dhankhar On Emergency: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार (10 अगस्त 2024) को राजस्थान हाई कोर्ट के प्लैटिनम जुबली समारोह को संबोधित करते हुए बांग्लादेश के हालात और देश में लगे आपातकाल का जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने देश की मजबूत न्याय व्यवस्था की तारीफ की.
'कुछ राष्ट्रविरोधी लोग फैला रहे नैरेटिव'
उपराष्ट्रपति ने आगाह किया कि कुछ राष्ट्रविरोधी लोग साजिशन नैरेटिव चला रहे हैं कि भारत में भी पड़ोसी देश जैसा घटनाक्रम दोहराया जाएगा. उन्होंने कहा, ये लोग जिम्मेदारी वाले पदों पर रहे हैं, फिर ऐसा गैरजिम्मेदाराना बयान कैसे दे सकते हैं? ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतें देश तोड़ने को तत्पर हैं, राष्ट्र के विकास को पटरी से उतारना चाहती हैं."
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था में राज्यों के हाई कोर्ट और चीफ जस्टिस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है.
Be on watch out!!
— Vice-President of India (@VPIndia) August 10, 2024
Efforts by some to infuse a narrative that what happened in our neighbourhood is bound to happen in our Bharat, is deeply concerning.
How can a citizen of this country having been a Member of Parliament, and the other who has seen enough of Foreign Service… pic.twitter.com/MWEoz1Ao1C
आपताकाल को बताया देश का काला दौर
इस दौरान उन्होंने साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपताकाल का भी जिक्र किया करते हुए उसे आजादी के बाद देश का सबसे काला दौर बताया. उन्होंने कहा, सिवाय आपातकाल के न्यायपालिका में लोकतंत्र की मजबूती का योगदान सराहनीय है. आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की मूल भावना को कूचला गया."
उपराष्ट्रपति ने भारत सरकार की ओर से 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप मनाने की सराहना की. उन्होंने कहा, युवा पीढ़ी को आपातकाल के काले दौर से अवगत कराना जरूरी है. हमारी न्यायपालिका इंदिरा गांधी की तानाशाही के आगे झुक गई और आजादी एक व्यक्ति की बंधक बन कर रह गई. यदि इमरजेंसी नहीं लगती तो भारत दशकों पहले ही विकास की नई ऊंचाईयों को छू लेता."
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र में शक्तियों के बंटवारे का सम्मान हो. उन्होंने कहा, "संसद न्यायिक निर्णय नहीं दे सकती, उसी तरह कोर्ट भी कानून नहीं बना सकते."
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