Jahangirpuri Violence Case: दंगे से पहले साजिशन बोरियों में भरकर रखी गई थी बोतलें, चार्जशीट में किए गए कई खुलासे
Jahangirpuri Riots: दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में बताया गया कि जिस समय हिंसा भड़की पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी. लेकिन भीड़ बेकाबू हो गई और उसने तोड़फोड़ शुरू कर दी.
Jahangirpuri Violence: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने जहांगीर पूरी केस (Jahangirpuri Case) की चार्जेशीट में संज्ञान ले लिया है. इस साजिश को लेकर दिल्ली पुलिस ने 37 लोगो को आरोपी बनाया है. चार्जशीट (Charge Sheet) में पुलिस ने परत दर परत साजिश की कड़ियों को जोड़ा है. हालांकि इस मामले में 31 मुस्लिम आरोपियो के साथ 6 हिंदुओ की भी गिरफ्तारी की गई है.
पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक शोभा यात्रा को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कुछ पदाधिकारी ने एसएचओ जहांगीरपूरी से बात की थी. साथ ही उत्तर पश्चिमी दिल्ली के डीसीपी आफिस से संपर्क किया लेकिन शोभायात्रा निकालने की इजाजत नहीं दी गयी थी. बावजूद इसके शोभायात्रा निकाली गई. लेकिन दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पूरे इंतज़ाम किये थे.
शोभायात्रा के दौरान किसने शुरू की बहस
चार्जशीट के मुताबिक 16 अप्रैल की शाम सवा चार बजे शोभायात्रा EE ब्लॉक जहांगीर पूरी से शुरू हुई. यात्रा शांतिपूर्वक निकल रही थी लेकिन जब बी-सी ब्लॉक की मार्किट के पास से गुजर रही थी तब "हसमत" नाम के शख्स ने शोभायात्रा यात्रा में मौजूद लोगों से बहस करनी शुरू कर दी. जब शोभायात्रा शाम 6 बजे सी ब्लॉक के मस्जिद के सामने पहुचीं तो वहां "अंसार" अपने साथियों के साथ पहले से ही मौजूद था और अंसार ने शोभायात्रा में मौजूद लोगों से बहस शुरू कर दी. अंसार के साथ तबरेज, आलिम चिकना और इनके लोग मौजूद थे. बहस पत्थरबाजी में बदल गई और देखते ही देखते दंगे का माहौल बन गया.
पुलिस ने भीड़ को दी चेतावनी
दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में लिखा है कि वहां मौजूद इंस्पेक्टर राजीव ने भीड़ को चेतावनी दी और हटने को कहा. इसके बाद तुरंत कंट्रोल रूम को इस बात की जानकारी दी गयी. चार्जशीट के मुताबिक भीड़ के पास तमंचे, तलवार लाठी डंडे थे. दंगाई पत्थरबाजी कर रहे थे. गोलियां चला रहे थे और गाड़ियों में तोड़ फोड़ भी कर रहे थे. इस दौरान दंगाइयों ने एक स्कूटी को भी आग के हवाले कर दिया. दंगे वाले दिन कुल 34 पीसीआर कॉल की गई थी.
चार्जशीट के मुताबिक पथराव के दौरान शोभायात्रा में मौजूद लोग कुशल चौक की तरफ भागने लगे. उन पर लगातार पत्थर और बोतले फेंकी जा रही थी. इसके बाद कुशल चौक पर हिन्दू समाज के लोग जुटने लगे और उन्होंने भी जवाब देना शुरू किया.
साजिशन बोरों में भरकर रखी गई थी बोतलें
चार्जशीट में दर्ज है कि एक सीसीटीवी फुटेज में नज़र आया है कि इस हिंसा से पहले एक आरोपी बाबुद्दीन की दुकान के पास करीव 8 से 10 बोरो में बोतलें साजिशन भरकर रखी गयी थी. जिनका दंगो में इस्तेमाल किया गया था. दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक आरोपी बाबुद्दीन भीड़ को भड़काता हुआ भी नज़र आया . उसने अपना चेहरा रुमाल से बांध रखा था और वो दंगाइयों के साथ कुशल चौक कि तरफ जा रहा था. सीसीटीवी में बाबुद्दीन का भाई भी उसके साथ नज़र आ रहा है जिसके हाथ में तलवार है.
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