Jahangirpuri Violence Case: जहांगीरपुरी हिंसा मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की रोहिणी अदालत ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने पुलिस से सवाल किया है कि बिना इजाज़त इलाके में जुलूस कैसे निकला? कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से कहा है कि इस मामले में वो जांच करें और दोषी पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय करें.
रोहिणी कोर्ट ने हिंसा में आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा दिख रहा है कि स्थानीय पुलिस बिना अनुमति के निकाले गए जुलूस को रोकने में असफल रही. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ये दिल्ली पुलिस की विफलता को दर्शाता है. कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मुद्दे को दरकिनार कर दिया है. संबंधित अधिकारियों की ओर से दायित्व तय करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो और पुलिस अवैध गतिविधियों को रोकने में नाकामयाब न हो.
सुनवाई के दौरान अदालत ने हिंसा मामले में 8 लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी. रोहिणी कोर्ट का कहना है कि आरोपी व्यक्तियों को जमानत पर रिहा करने से गवाह प्रभावित हो सकते हैं. अदालत ने कहा कि आरोपी व्यक्ति क्षेत्र के ज्ञात अपराधी हैं और इसलिए कोई भी सार्वजनिक गवाह आगे नहीं आएगा.
हाल ही में तीन और आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने पिछले महीने हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा के दौरान हुई साम्प्रदायिक हिंसा के तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसके साथ ही पुलिस ने इस मामले में अभी तक तीन नाबालिगों समेत 36 लोगों को गिरफ्तार किया है.
अधिकारियों ने बताया कि जहीर खान उर्फ जलील (48) और अनाबुल उर्फ शेख (32) को शुक्रवार को जहांगीरपुरी से गिरफ्तार किया गया, जबकि तीसरे आरोपी तबरेज (40) को शनिवार को उसी इलाके से गिरफ्तार किया गया. हिंसा वाले दिन से ही जहीर खान और अनाबुल फरार थे.
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