दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. आरोपी मोहम्मद अंसार को लेकर अलग-अलग बातें सामने आ रही हैं. पुलिस पर गोली चलाने का आरोप भी उस पर लगा है. ऐसे में एक नई जानकारी सामने आई है कि वह राज मल्होत्रा के नाम से उसकी एक फेक फेसबुक है. इस फेक फेसबुक आईडी पर उसकी कई तस्वीरें हैं. कई तस्वीरों में वह सोने की मोटी चेन भी पहने नजर आ रहा है. यह भी बात मालूम चली है कि कबाड़ का काम करने वाले अंसार का पांच मंजिला मकान है और हर फ्लोर पर एसी लगा हुआ है. जब एबीपी न्यूज अंसार के घर पहुंचा तो वहां कोई नहीं था. उसके पत्नी और बच्चे किसी रिश्तेदार के यहां रह रहे हैं. 




कौन है मोहम्मद अंसार


दिल्ली पुलिस के डॉजियर के मुताबिक मोहम्मद अंसार का जन्म जहांगीरपुरी की झुग्गी बस्ती में ही हुआ. 1980 में पैदा हुआ अंसार कबाड़ी का काम करता है. पुलिस के मुताबिक अपराध से इसका पुराना नाता है. वो जेल की हवा भी खा चुका है. जहांगीरपुरी पुलिस की फाइल में दो बार इसके नाम दर्ज हुए हैं. फरवरी 2019 में अंसार को चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया था. तब इसके खिलफ आर्म्स एक्ट की धारा लगाई गई थी. दूसरा मामला जुलाई 2018 का है. जब सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप लगे और मुकदमा दर्ज हुआ था. वह महज चौथी क्लास तक ही पढ़ा है. कोर्ट जाते वक्त अंसार ने पुष्पा का सिग्नेचर मूव भी करके दिखाया था. कोर्ट ने सोमवार को अंसार और उसके साथी असलम को दो दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा था. दोनों को 15 अप्रैल को मालूम चला था कि शोभा यात्रा निकलने वाली है, जिसके बाद उन्होंने साजिश रची.


बंगाल का रहने वाला है अंसार


हालांकि पहले अंसार को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही थीं. कोई उसे बांग्लादेशी बता रहा था तो कोई उसे रोहिंग्या कह रहा था. लेकिन एबीपी न्यूज की टीम ने अंसार को लेकर पड़ताल की तो पता चला कि वह पूर्व मिदनापुर के हल्दिया इलाके के कुमारपुर गांव का रहने वाला है. वहां उसका पुश्तैनी घर है. एबीपी न्यूज की टीम ने उस गांव में जाकर लोगों से बात की. आइए आपको बताते हैं कि लोगों ने क्या कहा.






लोगों ने कहा- 'अंसार को फंसाया जा रहा है'


यहां जब हमने लोगों से अंसार के मुख्य आरोपी होने पर सवाल किया तो अधिकतर लोगों ने बताया कि उसको जबरन फंसाया जा रहा है. वह ऐसा नहीं है. वह दिलदार आदमी है. अगर उसके पास 50000 रुपये होते हैं तो वह लोगों पर 40000 रुपये खर्च कर देता है. इस घटना में उसका नाम आने से हम सब दुखी हैं.


एक महीने पहले ही गया था गांव


लोगों ने बताया कि अंसार एक महीने पहले ही यहां आया था. वह कुछ दिन रहा और फिर चला गया. उसने बकरीद में फिर से आने की बात कही थी, लेकिन हम नहीं जानते थे कि वह इस तरह फंस जाएगा. वह बहुत दान करता है. वो तो फसाद को रोकने गया था, लेकिन उसे ही फंसा दिया गया है.


'सब पार्टी से मिलता है, लेकिन राजनीति नहीं करता'


जब हमने लोगों से उसके किसी पार्टी से जुड़े होने पर सवाल किया तो लोगों ने बताया कि, वह सब पार्टी के साथ रहता है. आम आदमी पार्टी के साथ भी, तो  बीजेपी के साथ भी. वह सबके साथ उठता-बैठता है, लेकिन पॉलिटिक्स नहीं करता.


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